वरुण के टेप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई: गोपालस्वामी
20 अप्रैल को पद से सेवानिवृत्त होने के पूर्व विभिन्न समाचार चैनलों को दिए एक साक्षात्कार में गोपालस्वामी ने वरुण के खिलाफ आयोग द्वारा की गई कार्रवाई का बचाव किया।
उन्होंने कहा, "हमने पूरे टेप को देखा था। वह बेहद आपत्तिजनक है।"
उन्होंने कहा, "हमें बहुत बुरा महसूस हुआ। भाषणों में इतनी ज्यादा घृणास्पद बातें थी कि हमें अपनी तय सीमा से बाहर जाना ही था।"
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आयोग महसूस करता है कि टेप के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जैसा कि वरुण ने दावा किया था, इस पर गोपालस्वामी ने कहा, "टेप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई।"
उन्होंने कहा कि इस मामले में की गई कार्रवाई पर आयोग के तीनों सदस्य एकमत थे। चुनाव आयोग ने वरुण गांधी और भाजपा को एक नोटिस जारी किया था। साथ ही भाजपा को एक सुझाव भी दिया था कि वह वरुण को उम्मीदवार न बनाए। गोपालस्वामी ने कहा, "हमने महसूस किया कि वरुण गांधी के मामले में एक सख्त संदेश जाना चाहिए।"
भाजपा को आयोग की ओर से दिए गए सुझाव का बचाव करते हुए गोपालस्वामी ने कहा, "सुझाव जारी करना आयोग का कर्तव्य है। हमने अपनी नाराजगी जाहिर की थी।"
गोपालस्वामी ने चुनाव आयुक्त नवीन चावला के साथ अपने मतभेद पर कुछ भी नहीं कहा। अलबत्ता उन्होंने आम चुनाव सकुशल संपन्न कराने के लिए चावला को अपनी शुभकामनाएं दी।
चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के बढ़ते मामलों के बारे में गोपालस्वामी ने कहा कि ज्यादा समाचार चैनलों के कारण आचार संहिता उल्लंघन के तमाम मामले पकड़ में आ रहे हैं।
गोपालस्वामी ने कहा, "टेलीविजन चैनलों की संख्या बढ़ गई है। हम भी प्रत्याशियों और नेताओं के भाषणों की वीडियो रिकॉर्डिग करवा रहे हैं।"
हालांकि गोपालस्वामी ने स्वीकार किया कि चुनाव आयोग चुनाव में धन बल की समस्या से निपटने में विफल रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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