फेफड़े के इलाज के लिए नई तकनीकि ईजाद
इस तकनीक की बदौलत डाक्टर फेफड़े की ज्यादा परिष्कृत और बारीक तस्वीर ले सकेंगे। शोधकर्ताओं ने एमआरआई में इस्तेमाल के लिए हाइपरपोलराइज्ड(अतिध्रुवीकृत) हीलियम गैस विकसित की है। इससे एमआईआई जांच की दुनिया में क्रांति आ सकती है। शोधकर्ता टीम में शामिल मर्लिस फ्रीसे का कहना है कि यह हाइपरपोलराइज्ड हीलियम गैस एक मरीज को सुंघाई गई और उसके श्वसन मार्ग की तस्वीर ली गई।
उन्होंने कहा, "यह गैस हीलियम-3 है। यह निष्क्रिय गैस है जो रेडियोधर्मी नहीं है और न ही यह शरीर के साथ प्रतिक्रिया करती है। ऐसी गैस सुंघाकर ली गई तस्वीर वाकई काफी उपयोगी साबित होगी। हम ऐसी गैस का इस्तेमाल कर शरीर के वायु प्रवाह मार्ग का परिष्कृत चित्र ले सकते हैं। हमारी शोधकर्ता टीम ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह दुर्लभ है। ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली यह पहली शोधकर्ता टीम है।" खासकर, दमाग्रस्त रोगियों के लिए यह तकनीक ज्यादा कारगर साबित होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।