'पाकिस्तानी पंजाब में बढ़ते आतंकवाद का मूकदर्शक बनने को बाध्य है भारत' (लीड-1)
वाशिंगटन, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। एक ओर जहां भारत चुनाव में उलझा हुआ है, वहीं उसके पड़ोस तक आतंकवाद की लपट पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बढ़ती जेहादी दहशतगर्दी ने भारत के सामने नई सुरक्षा चुनौती पैदा कर दी है और भारत को जल्द ही किसी बड़ी आतंकवादी घटना का सामना करना पड़ सकता है। यह आकलन है वैश्विक खुफिया आकलन कंपनी स्ट्रैटफोर का।
इसकी रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत के दरवाजे तक आतंकवाद की लपट पहुंच चुकी है। भारत इस सुरक्षा संकट का भौचक दर्शक बन गया है। पाकिस्तान में हो रही आतंकी घटनाओं की पुनरावृत्ति कश्मीर में भी हो सकती है। आईएसआई के इशारे पर कश्मीर में जेहाद को भड़काने वाले तत्व अब अलकायदा और तालिबान से नियंत्रित हैं। ऐसे में भारत में ज्यादा भयावह हमलों का खतरा बढ़ गया है।"
अमेरिका स्थित इस खुफिया कंपनी ने अपनी दूसरी तिमाही आकलन रिपोर्ट में कहा है, "मुंबई आतंकी कांड के बावजूद अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला करने से परहेज किया तो इसके पीछे भारत की यह सोच थी कि ऐसी सूरत में पाकिस्तान बिखर सकता है और आतंकवाद और जोर पकड़ सकता है। आतंकवाद के सीमापार प्रसार का खतरा अभी भी बरकरार है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा मसले पर सत्तारूढ़ कांग्रेस की बजाए भाजपा का रुख ज्यादा सख्त रहा है। अगर भाजपा सत्ता में आती है और भारत में ऐसी घटनाएं होती रहीं तो भारत की ओर से ज्यादा सख्त कदम उठाया जा सकता है। ऐसे में उपमहाद्वीप में तनाव बढ़ेगा। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को अस्थिर करने वाले तत्व भारत में किसी बड़ी आतंकी कार्रवाई की फिराक में हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।