दो हफ्ते के लिए जेल से छूटे वरुण
इस
दौरान
वरुण
गांधी
अपनी
उम्मीदवारी
का
पर्चा
दाखिल
कर
सकते
हैं
और
चुनाव
प्रचार
भी
कर
सकते
हैं।
वहीं
जमानत
के
लिए
वरुण
की
ओर
से
दाखिल
हलफनामें
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
संतोष
जनक
नहीं
माना
और
वरुण
को
इस
संबंध
में
नया
हलफनामा
देने
को
कहा
है।
पिछली
सुनवाई
के
दौरान
चीफ
जस्टिस
के.जी.
बालकृष्णन
ने
सुझाव
दिया
था
कि
जमानत
के
लिए
वरुण
को
एक
शपथपत्र
देना
होगा
जिसमें
वह
आगे
भड़काऊ
भाषण
न
देने
का
वचन
देंगे।
शपथपत्र
असंतोषजनक
यूपी सरकार और पीलीभीत के डीएम की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि यदि वरुण गांधी रिहाई के बाद अव्यवस्था नहीं फैलाने के संबंध में शपथपत्र देते हैं, तो वरुण को जमानत पर रिहा करने में उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं है। वरुण गांधी ने इसके बाद इस बावत एक हलफनामा दायर किया था, पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे संतोषजनक नहीं माना।
पीलीभीत से बीजेपी के उम्मीदवार वरुण पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूपी सरकार ने उनपर रसुका लगा दिया था। वरुण ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने इस मामले में 2 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार और पीलीभीत के जिला मैजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया था। वरुण ने इन पर आरोप लगाया है कि चुनाव में हिस्सा लेने पर राजनीति से प्रेरित होकर उनके खिलाफ रसुका लगाया गया है।