राजपक्षे ने लिट्टे के पूर्व गढ़ किलिनोच्ची का दौरा किया (लीड-2)
राष्ट्रपति ने सैनिकों के साथ ही अभी भी तमिल टाइगरों के कब्जे वाले इलाके से पलायन करके आए तमिल नागरिकों से भी संवाद किया।
सरकारी सेनाओं ने जनवरी के आरंभ में किलिनोच्ची पर कब्जा करके उत्तरी क्षेत्र पर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के एक दशक पुराने कब्जे को समाप्त कर दिया था।
अब लिट्टे को मुल्लइतिवु जिले के केवल 14 वर्ग किलोमीटर के तटीय क्षेत्र तक सीमित कर दिया गया है।
सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर उदय नानायाक्कारा ने आईएएनएस को बताया, "राष्ट्रपति ने किलिनोच्ची का दौरा किया और जवानों को संबोधित किया। उनके साथ रक्षा सचिव, सैन्य कमांडर और कई अधिकारी भी थे।"
सरकारी टेलीविजन के अनुसार हेलीकाप्टर से किलिनोच्ची पहुंचे राजपक्षे ने सैनिक कमांडरों से युद्ध की प्रगति की जानकारी ली।
लिट्टे इस स्थान को पिछले एक दशक से अपनी प्रशासनिक और राजनीतिक राजधानी के रूप में उपयोग करता आ रहा था। लिट्टे जिस स्वतंत्र राज्य की स्थापना करना चाहता था, यह उसका ह्रदय प्रदेश है।
संप्रभु तमिल राष्ट्र के प्रतीक के रूप में लिट्टे ने यहां अलग बैंक और न्यायपालिका की स्थापना की थी।
वर्ष 2002 में नार्वे की मध्यस्थता से हुए शांति समझौते के बाद इसी कस्बे में लिट्टे नेता और राजनयिकों की मुलाकातें हुई थीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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