पाकिस्तानी नागरिक ने मुंबई हमले में अपनी संलिप्तता स्वीकारी
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के सूत्रों के हवाले से 'द न्यूज' ने कहा कि एलईटी से संबंधित शाहिद जमील रियाज ने कबूला है कि उसने और चार अन्य लोगों ने मुंबई पर हमला करने वाले आतंकवादियों को परिवहन व्यवस्था, निवास, इंटरनेट और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराइर्ं।
रियाज ने जिन चार लोगों के नाम लिए हैं, उनमें एलईटी कमांडर जकी उर्रहमान लखवी, संगठन का संचार विशेषज्ञ जरार शाह, हमाद अमीन सादिक और हम्जा उर्फ अबु अल्क शामिल हैं।
ये चारों मुंबई पर 26/11,2008 के हमले के संबंध में पाकिस्तान की कैद में हैं लेकिन अभी तक इन पर औपचारिक रूप से आरोप नहीं लगाया गया है।
इन सभी को दिसम्बर में संयुक्त राष्ट्र,अमेरिका और भारत के दबाव के बाद आरंभ हुई पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में पकड़ा गया था।
रियाज को पिछले महीने यूरोप से पकड़ा गया था। एफआईए ने जिन आठ लोगों पर मुंबई हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है उनमें रियाज शामिल नहीं है। आठ आरोपियों में से छह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की गिरफ्त में हैं। एक आरोपी फरार है जबकि एक अन्य आरोपी आमिर अजमल कसाब को हमले के दौरान भारत में पकड़ा गया था।
रियाज ने विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट अहमद मसूूद जंजुआ के सामने अपना अपराध कबूला, जिन्होंने उसे रावलपिंडी की अदियाला जेल में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
रियाज को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय लाया गया और विशेष जांच प्रकोष्ठ के दो अधिकारी न्यायाधीश के कक्ष में उसके साथ उपस्थित थे। रियाज का बयान दर्ज करते समय मीडिया की उपस्थिति पर प्रतिबंध था।
आतंरिक मंत्रालय के एक कनिष्ठ अधिकारी ने रियाज के अपराध कबूलने की बात को खारिज करते हुए कहा कि उसने न्यायालय में बयान दिया है लेकिन इसे अपराध कबूलना नहीं माना जा सकता।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*