क्षेत्रीय दलों में राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य का अभाव : मुखर्जी
मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि क्षेत्रीय दलों में राष्ट्रीय मुद्दों पर एकरूपता के साथ-साथ राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य का अभाव है।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने ठीक ही कहा है कि क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय मुद्दों को भी क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य में लेते हैं। अलग-अलग इन्हीं विचारों के कारण समस्याएं पैदा होती हैं।"
उन्होंने कहा, "कूटनीति, विदेश नीति, सुरक्षा और विकास जैसे कुछ मुद्दे हैं जिन पर क्षेत्रीय दलों में एकरूपता नहीं होती।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सरकार बनाने की स्थिति में वामदलों का समर्थन लेने की संभावना से इंकार नहीं किए जाने के बारे में मुखर्जी ने कहा, "सरकार बनाने के लिए 272 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है। हम राजनीतिक युद्ध के मैदान में हैं और युद्ध के दौरान सिपाही का एकमात्र उद्देश्य युद्ध जीतना होता है।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी दल से कोई समझौता नहीं किया है। चुनाव के बाद हम सब कुछ कहने की स्थिति में होंगे।"
उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह ने बुधवार को एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों से चर्चा में कहा था कि क्षेत्रीय दल देश के विकास की राह में बाधा भी हो सकते हैं और देश को ऐसे दल की जरूरत है जिसका राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य हो।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।