राजनीतिक दलों ने नक्सली हिंसा की निंदा की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन नक्सली घटनाओं के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि नक्सलवाद को महज कानून-व्यवस्था की समस्या के रूप मे देखे जाने का यह नतीजा है।
भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने आईएएनएस से चर्चा में कहा, "पिछले पांच वर्षो में नक्सली समस्या उन क्षेत्रों तक पहुंच गई हैं जहां नक्सली आंदोलन की पहुंच तक नहीं है।"
उन्होंने कहा, "भाजपा इस मुद्दे को संसद के बाहर और भीतर हमेशा से उठाती रही है लेकिन केंद्र सरकार का रवैया हमेशा नकारात्मक ही रहा है।"
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य व राज्यसभा में पार्टी के उपनेता ए. विजयराघवन ने कहा, "वह चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की, दोनों ने इस समस्या को कानून-व्यवस्था से जुड़े मसले के ही रूप में देखा। इससे ऊपरी नहीं।"
उन्होंने कहा, "विकास की कमी के कारण नक्सली हमले हो रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक योजना बनाने की जरूरत है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक अन्याय को खत्म करने के लिए राजनीतिक साहस की जरूरत है।"
कांग्रेस प्रवक्ता अश्विनी कुमार ने कहा, "नक्सली हिंसा देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद कई मौकों पर कहा है कि नक्सलवाद और उसके आतंक का स्वरूप देश के लिए गंभीर चुनौती है।"
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को जारी पहले चरण के मतदान के दौरान बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड और महाराष्ट्र में हिंसा और नक्सली हमले की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 17 लोगों की मौत हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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