वरुण को दो हफ्ते के पैरोल पर रिहा करने का आदेश (लीड-1)
प्रधान न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति पी. सथाशिवम और न्यायमूर्ति जे.एम. पांचाल की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के कड़े विरोध को खारिज करते हुए न्यायालय ने वरुण को अस्थाई रूप से रिहा करने का आदेश दिया।
पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वरुण पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रखा। इस मामले की अगली सुनवाई एक मई को होगी।
न्यायालय ने कहा कि वरुण को गुरुवार को एटा जेल के अधिकारियों को चुनाव अभियान के दौरान भड़काऊ भाषण न देने संबंधी शपथ पत्र सौंपने के बाद रिहा कर दिया जाएगा। इसके बाद सोमवार को वह सर्वोच्च न्यायालय में भी ऐसा ही एक शपथ पत्र जमा करेंगे।
भाजपा के प्रवक्ता बलवीर पुंज ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर संवाददाताओं से कहा, "भाजपा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है। वरुण गांधी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। वह पार्टी के प्रचार अभियान में हिस्सा लेंगे।"
पुंज ने कहा कि भाजपा के कई उम्मीदवार चाहते हैं कि वरुण उनके पक्ष में प्रचार करें।
उल्लेखनीय है कि वरुण को एक समुदाय विशेष के खिलाफ कथित रूप से सांप्रदायिक टिप्पणियां करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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