कसाब ने की पाकिस्तानी वकील की मांग (राउंडअप)
उधर महाराष्ट्र के गृहमंत्री जयंत पाटिल ने खुफिया जानकारी के हवाले से खुलासा किया कि विदेश में कसाब की हत्या की साजिश रचे जाने का संकेत मिला है। पाटिल ने कहा कि यही वजह है जिस विशेष अदालत कक्ष में कसाब पर मुकदमा शुरू हुआ, उसमें एक बमरोधी गलियारे के निर्माण सहित अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
मुंबई आतंकी हमलों के मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने कसाब की मांग को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तानी वकील भारत में उसका बचाव नहीं कर सकते। विशेष न्यायाधीश एम.एल. तहिलयानी ने कहा कि अगर पाकिस्तानी सरकार अथवा उनके परिजन इस मामले में भारतीय वकील नियुक्त करना चाहते हैं तो वे इसके लिए स्वतंत्र हैं।
विशेष न्यायाधीश की अदालत में तीन घंटे चली सुनवाई के दौरान कसाब दो अन्य आरोपियों लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य फहीम अंसारी और सबाहुद्दीन मोहम्मद के साथ बैठा रहा।
कसाब ने जब अपने सेल से अदालत को जोड़ने वाले गलियारे के जरिये अदालत कक्ष में प्रवेश किया तो सन्नाटा छा गया। उसने अदालत से कहा, "चूंकि पाकिस्तानी वकील के मुद्दे पर मेरे पहले आवेदन पर कोई जवाब नहीं आया है ऐसे में कृपया एक आवेदन और भेज दें। "
विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम ने अदालत को सूचित किया कि कसाब की ओर से एक आवेदन पाकिस्तान सरकार को भेजा जा चुका है लेकिन उस पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
निकम ने संवाददाताओं से कहा, "कूटनीतिक प्रणाली के जरिये हम उसके आवेदन को दोबारा भेज देंगे।"
कसाब तथा दो अन्य आतंकवादियों के मुकदमे की सुनवाई बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आर्थर रोड केंद्रीय जेल में हुई।
कसाब 26-29 नवंबर को हुए मुंबई हमलों का मुख्य आरोपी है। इन हमलों में 170 लोग मारे गए थे। कसाब की अदालत में यह पहली पेशी हुई, जबकि इससे पहले वह सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विशेष न्यायाधीश के प्रश्नों का उत्तर देते आया है।
इससे पहले अदालत ने कसाब की वकील अंजलि वाघमारे को 'पेशे के साथ न्याय न कर पाने' और 'हितों के टकराव' के चलते मुकदमे से हटा दिया।
विशेष न्यायाधीश एम.एल. तहिलयानी ने कहा कि अंजलि ने अदालत को अंधेरे में रखा, जो सर्वथा अनुचित था। न्यायाधीश ने यह बात इस संदर्भ में कही क्योंकि अंजलि कसाब के अलावा मुंबई हमलों के एक गवाह की वकील बनने को सहमति दे चुकी है।
अदालत ने कहा कि अंजलि ने पहले कहा था कि वह इस मामले में किसी भी गवाह की वकील नहीं हैं। लेकिन मुंबई के एक अन्य वकील ने पिछले हफ्ते अंजलि के खिलाफ विशेष अदालत से शिकायत की थी कि वह दोषी और गवाह दोनों की वकील हैं।
विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम ने अदालत के समक्ष अंजलि का एक वकालतनामा पेश किया, जिसमें उन्होंने एक गवाह की वकालत करने की रजामंदी व्यक्त की थी।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व अदालत ने अंजलि वाघमारे को कसाब का वकील नियुक्त किया था। इसी के मद्देनजर उन्हें पिछले सप्ताह राज्य सरकार की ओर से कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।
सरकारी वकील उज्जवल निकम आरोपियों के खिलाफ सरकार का पक्ष रखेंगे।
तीनों आरोपियों को उसी जेल परिसर में अलग-अलग कोठरियों में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
जेल परिसर के भीतर और बाहर मुंबई पुलिस, राज्य आरक्षी पुलिस बल(एसआरपीएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)के करीब 500 कर्मी तैनात किए गए हैं। जेल तक जाने वाली सभी सड़कों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं और सभी वाहनों की गहन तलाशी ली जा रही है। और तो और पैदल चलने वालों की भी तलाशी ली जा रही है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया जगत के लिए मंगलवार शाम तक 300 से ज्यादा सुरक्षा पास जारी किए गए थे।
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री नसीम खान ने पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंगलवार शाम को जेल के सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया था।
उधर लंदन से प्रकाशित समाचार पत्र 'द टाइम्स' ने बुधवार को पाटिल के हवाले से कहा कि कसाब की हत्या की कथित साजिश के कारण ही जिस विशेष न्यायालय कक्ष में कसाब पर मुकदमा चलेगा, उसमें एक बम रोधी गलियारे के निर्माण सहित अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
अखबार ने 26/11 हमले की जांच के प्रभारी पुलिस अधिकारी राकेश मारिया के हवाले से कहा है कि पुलिस ने पाकिस्तान में कसाब की हत्या के एक षडयंत्र का पर्दाफाश किया है।
राकेश मारिया ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी कसाब के पास सीमित मात्रा में ही जानकारी है। मारिया ने कहा, "हमारे पास हमले की साजिश रचने वाले संगठन का मस्तिष्क नहीं बल्कि केवल उसका एक अंग है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।