छत्तीसगढ़ में उम्मीदवार झेल रहे हैं मतदाताओं की नाराजगी
रायपुर, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के तीन लोकसभा क्षेत्रों के मतदाताओं से वोट मांगने पहुंच रहे प्रत्याशियों को एक ही बात सुनने को मिल रही है, "पहले हमारी बच्चियों को मानव तस्करों से बचाएं उसके बाद ही वोट मांगने आएं।"
सरगुजा, कोरबा और रायगढ़ लोकसभा क्षेत्रों के सैकड़ों गरीब परिवार यह जानना चाहते हैं कि आखिर प्रशासन क्षेत्र में मानव तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोक क्यों नहीं लगा पा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ये तीनों लोकसभा सीटें राज्य के उत्तरी वन क्षेत्र में स्थित हैं और यहां से बड़ी संख्या में बच्चे और बच्चियां रोजगार के लालच में बड़े शहरों में जाते हैं। इनमें से अनेक बच्चियां यौन शोषण की शिकार होकर महीनों और वर्षो के बाद अपने घरों को लौटती हैं।
हालांकि इस संबंध में आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन एक अनुमान के मुताबिक हर वर्ष 12,000 से 15,000 लड़के- लड़कियां बड़े शहरों में रोजगार की तलाश मे जाते हैं।
सरगुजा के कमलेश्वर गांव के बदरु मंडावी कहते हैं, "हम दशकों से गरीबी और पिछड़ेपन में जीवन बिता रहे हैं और मानव तस्कर हमारी इसी हालत का लाभ उठाते रहे हैं।"
क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मुरारीलाल सिंह ने स्वीकार किया कि क्षेत्र के लोगों की समस्याएं वास्तविक हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह ने कहा, "सरगुजा में खासकर सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से लड़कियों की तस्करी में इजाफा हुआ है। लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों दोषियों को सजा नहीं मिल रही।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।