नागालैंड में उग्रवाद और नागा एकजुटता होंगे अहम मुद्दे
यही वजह है कि कांग्रेस और नागालैंड पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने राज्य की एक मात्र लोकसभा सीट पर कब्जा करने के मकसद से अपने चुनावी वादों को इन्हीं दो मुद्दों के ईद-गिर्द समेट रखा है।
कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार असुंगबा संगताम ने आईएएनएस से कहा, "हम राज्य में स्थायी शांति के उपायों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।" वह दो बार पहले भी सांसद रह चुके हैं।
राज्य में सत्ताधारी एनपीएफ से सी.एम. चांग चुनाव लड़ रहे हैं जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन प्राप्त है। चांग का आरोप है कि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार नागा समस्या को हल करने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है।
इसाक-मुइवा के धड़े नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन-आईएम) अगस्त, 1997 में संघर्ष विराम पर सहमत हुआ था। तब से एनएससीएन-आईएम और भारत सरकार के बीच लगभग 60 दौर की बातचीत हो चुकी है।
कांग्रेस उम्मीदवार का कहना है, "अगर राज्य को समृद्ध होना है तो नागा एकता और सुलह पर जोर देना चाहिए और इसके साथ ही शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए।"
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेइफिउ रिओ ने कहा, "हमें जिस तरह से लोगों का समर्थन मिल रहा है उससे मुझे उम्मीद है कि हमारा उम्मीदवार इस बार रिकार्ड मतों से जीतेगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।