अंबेडकर का कभी अपमान नहीं किया गया : प्रधानमंत्री (लीड-2)
मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन समारोह के मौके पर संवादाताओं से कहा, "डॉ. अंबेडकर हमारे संविधान के रचयिता और मार्गदर्शक थे। कोई कैसे कह सकता है कि कांग्रेस ने उनके योगदान को सम्मान नहीं दिया।"
प्रधानमंत्री ने हालांकि उस एक सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया, जिसमें उनसे पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता लालकृष्ण आडवाणी और वे, अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक मंच पर साथ होने के बाद भी शांत क्यों बैठे रहे।
सिंह ने कहा, "मैं निजी मामलों में राजनीति को घुसाना नहीं चाहता।"
लेकिन यहीं पर गृह मंत्री पी.चिदंबरम ने आडवाणी के उस आरोप का मुहतोड़ जवाब दिया, जिसमें आडवाणी ने कहा था कि कांग्रेस ने अंबेडकर के साथ न्याय नहीं किया।
राष्ट्रपति भवन में चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, "वास्तविकता तो यह है कि भाजपा को कई दशकों बाद अंबेडकर के योगदान की याद आई है। कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर की महानता और उनके योगदान का सम्मान किया है।"
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "आडवाणी का बयान बेतुका है।"
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आडवाणी पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "आडवाणी के साथ परेशानी यह है कि उन्हें इतिहास की समझ नहीं है। वे इतिहास के साथ छेड़छाड़ करते हैं।"
प्रियंका गांधी ने भी अमेठी में कहा कि आडवाणी के आरोप बेबुनियाद हैं।
इसके पहले अंबेडकर जयंती के मौके पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में आडवाणी ने कहा, "कांग्रेस ने अंबेडकर के साथ न्याय नहीं किया। उन्हें लोकसभा भेजा जा सकता था लेकिन षड़यंत्र के तहत उन्हें हरा दिया गया।"
उन्होंने कहा, "उन्हें सन 1990 में भारत रत्न की उपाधि दी गई, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी। वह हमारे सहयोग से बनी विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार थी जिसने उन्हें यह सम्मान दिया। इससे कांग्रेस पार्टी की महान दलित नेता के प्रति भावना का पता चलता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।