उड़ीसा में राजनीतिक 'मंगल सूत्र' का कोई ग्राहक नहीं
भुवनेश्वर, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली, गांधीनगर और रायपुर से कई सारे छोटे व्यापारी उड़ीसा में चुनावी सामग्रियों की बिक्री के लिए आए हुए हैं। इन सामग्रियों में टोपियां, पेन और हेड बैंड शामिल हैं। इन सामग्रियों पर विभिन्न पार्टियों के चुनाव चिह्न् छपे हुए हैं। लेकिन उम्मीद के मुताबिक इनकी बिक्री नहीं हो पा रही है। सबसे बुरी स्थिति मंगल सूत्र की है।
रायपुर से आए एक व्यापारी लाल परचानी कहते हैं, "मैं चुनाव प्रचार से संबंधित दो दर्जन से भी अधिक किस्म की सामग्रियां लेकर आया था। इनमें हाथ के पंखे से लेकर टोपियां और बैग शामिल हैं। लेकिन व्यापार बहुत मंदा है। सबसे बुरी स्थिति मंगल सूत्र की है।"
परचानी ने आईएएनएस को बताया, "मैं विभिन्न पार्टियों के लिए 5,000 मंगल सूत्र लेकर आया था। इनमें भारतीय जनता पार्टी(भाजपा), बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल हैं। कार्यकर्ताओं ने हमें बताया था कि महिलाएं इसे ज्यादा पसंद करेंगी। लेकिन वास्तविकता यह है कि पूरा का पूरा माल बिना बिक्री के पड़ा हुआ है।"
परचानी ने कहा कि हाल में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में अच्छा कारोबार किया था। पहली बार उड़ीसा आए थे, इस उम्मीद में कि यहां लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ हो रहे हैं, लिहाजा कुछ अच्छा करोबार हो जाएगा, लेकिन मामला उलटा हो गया।
दिल्ली के सदर बाजार से चुनाव सामग्रियों का गट्ठर लेकर उड़ीसा आए एक अन्य व्यापारी पंकज कुमार बताते हैं कि एक मंगल सूत्र की कीमत 30 रुपये से 35 रुपये है। लेकिन ग्राहक नदारद हैं।
पंकज कुमार कहते हैं, "मेरे पास कांग्रेस पार्टी से संबंधित चुनावी सामग्रियां हैं। भुवनेश्वर के लोगों ने मुझसे कहा था कि मंगल सूत्र की अच्छी मांग होगी, इस कारण मैं लगभग 2,000 मंगल सूत्र लेकर आया था। लेकिन पिछले 14 दिनों के दौरान मुश्किल से 60 मंगल सूत्र ही बिक पाए हैं।"
पंकज कुमार ने कहा, "मैंने इसके लिए मुंबई के एक उत्पादक को विशेष आर्डर दिया था। लेकिन अब साफ हो चुका है कि इसमें पूरा का पूरा नुकसान होने वाला है।"
व्यापारियों का कहना है कि उड़ीसा में महिलाएं इस राजनीतिक मंगल सूत्र को देख कर हंसती हैं।
सिर पर कांग्रेस की टोपी लगाए एक कार्यकर्ता कमला रानी बेहरा ने कहा, "मैं राजनीतिक कार्यकर्ता हो सकती हूं, लेकिन इस राजनीतिक मंगल सूत्र को कभी नहीं पहन सकती।"
व्यापारियों के अनुसार मंगल सूत्र के अलावा अन्य चुनावी सामग्रियों का बाजार भी उड़ीसा में बहुत ठंडा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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