अमेरिकी कांग्रेस ने भारत के साथ जासूसी विमान सौदे को मंजूरी दी
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स और सीनेट के सदस्यों की एक समिति ने सौदे की जांच की और एक अधिसूचना के द्वारा 11 अप्रैल को इसे मंजूरी दी। अमेरिकी कानूनों के अनुसार विदेश विभाग को प्रस्तावित सौदों को 12 मार्च तक कांग्रेस को भेजना होता है और कांग्रेस के पास सौदे को मंजूर या अस्वीकार करने के लिए 30 दिन का समय होता है।
भारत की स्ट्रेटेजिक डिफेंस मैगजीन के आगामी अंक की एक रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली और वाशिंगटन के रक्षा सूत्रों ने मंजूरी को इस अर्थ में महत्वपूर्ण बताया कि इससे राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन के भारत के साथ रणनीतिक और सुरक्षा गठबंधन को जारी रखने के इरादे का संकेत मिलता है, जो वास्तव में बिल क्लिंटन के समय आरंभ हुआ और जार्ज बुश ने जिसे आगे बढ़ाया।
कांग्रेस को भेजी अपनी रिपोर्ट में विदेश विभाग ने कहा कि 2.1 अरब डॉलर के विमान सौदे के संबंध में राजनीतिक,सैनिक,आर्थिक, मानव अधिकारों और हथियार नियंत्रण सहित सभी पहलुओं पर विचार किया गया।
बोइंग के उपाध्यक्ष और इंटीग्रेटेड डिफेंस सिस्टम (इंडिया) के कंट्री हेड विवेक लाल ने कहा कि पहली बार अमेरिकी नौसेना के लिए विकसित इस तकनीक को किसी अन्य देश को उपलब्ध कराया जा रहा है। द्विपक्षीय समझौते के तहत बोइंग विमानों की मरम्मत और सुधार में भी सहयोग करेगी।
अमेरिकी नौसेना के बाद सबसे पहले भारतीय नौसेना ही पी8-आई विमानों का उपयोग करेगी। आस्ट्रेलिया, कनाडा और इटली की नौसेनाओं ने भी इस जासूसी विमान में रुचि दिखाई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**