जूता फेंकने वाले ने नौकरी के प्रस्ताव को ठुकराया (लीड-1)
पत्रकार सिंह को गृह मंत्री पर जूता फेंक कर 1984 के सिख दंगे के पीड़ितों की व्यथा को रेखांकित करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में सोमवार को उन्हें सम्मानित किया।
एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने जरनैल सिंह को सम्मानित करने के बाद उनसे बंद कमरे में 10 मिनट तक बातचीत की। बातचीत के दौरान मक्कड़ ने सिंह को नौकरी का प्रस्ताव दिया, लेकिन सिंह ने सहजता के साथ उसे स्वीकारने से इंकार कर दिया।
सिंह ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, "मैं इस सम्मान के लिए कृतज्ञ हूं। नौकरी का प्रस्ताव भी दिया गया, लेकिन मैंने इंकार कर दिया। अपने वर्तमान नियोक्ता द्वारा अपने खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई किए जाने के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है।"
पत्रकार सिंह ने कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर को वर्ष 1984 में सिख विरोधी दंगे के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के विरोध स्वरूप कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान गृह मंत्री पी.चिदंबरम पर जूता फेंका था।
सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत करते हुए कहा, "चूंकि मैं मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं था, लिहाजा उस समय मैं अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सका।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।