मन से जवां मनमोहन भविष्य की ओर देखते हैं : राहुल (लीड-1)
केरल के एकदिवसीय चुनावी दौरे पर आए राहुल ने यहां संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "जेहनी तौर पर जवान होने के लिए उम्र मायने नहीं रखती। आपकी सोच कैसी है वह महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मन से युवा हैं क्योंकि उन्हें तकनीक, वैश्वीकरण और आर्थिक मामलों की बेहतर समझ है।"
राहुल ने कहा, "युवा हमेशा भविष्य की ओर देखता है जबकि बुजुर्ग भूत की बात करते हैं। हमारे प्रधानमंत्री युवा हैं और वे भविष्य की ओर देखते हैं। उन्होंने जब 1991 में आर्थिक सुधार किए थे तो उनके पास 20-30 वर्षो की योजना थी। आप कभी उनके साथ बैठेंगे तो वे एक-एक कर अपनी अनेक योजनाओं के बारे में बताएंगे।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, "विपक्ष के जो नेता हैं उनकी सोच पुरानी है। वे 2009 से 2004 की तरफ देखते हैं। वे वही बोलते हैं जो हमने कर दिखाया है। उनके पास अगले पांच वर्षो की कोई योजना नहीं है।"
आडवाणी द्वारा मनमोहन सिंह को बार-बार कमजोर प्रधानमंत्री बताए जाने पर राहुल ने कहा कि देश जानना चाहता है कि आडवाणी ने यह क्यों कहा था कि 1999 में जब वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह आतंकवादियों को लेकर कंधार गए थे तो इस बात की उन्हें जानकारी नहीं थी। जिस आतंकवादी को छोड़ा गया था उसी ने बाद में संसद पर हमला किया था।
उन्होंने कहा, "दो संभावनाएं हो सकती हैं। या तो आडवाणी झूठ बोल रहे हैं या फिर वे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भरोसा खो चुके थे।"
राहुल ने कहा कि वे अपनी मां सोनिया गांधी के उस बयान से सहमत हैं कि देश को सबसे ज्यादा खतरा भाजपा से है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री बनना मेरी प्राथमिकताओं में नहीं है। मेरा उद्देश्य युवाओं के लिए तंत्र विकसित करना है। तीन से पांच सालों में मैं देश के समक्ष सैकड़ों युवा नेताओं को ला खड़ा करूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।