भीड़ के हमले से बचे थाई प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाया (लीड-2)
समाचार पत्र 'द नेशन' ने रिपोर्ट दी कि एक विरोधी नेता जातुपोर्न प्रोमफान ने सरकार को अवैध बताते हुए रविवार को इसे उखाड़ फेंकने का आव्हान किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा समर्थक करीब 50 प्रदर्शनकारियों ने अभिसित को आतंरिक मंत्रालय से अपना मार्ग बदलने पर विवश कर दिया।
भीड़ ने अभिसित की कार पर हमला किया और सेना के जवानों के हवाई फायरिंग करने के बाद ही वहां से हटी। अधिकारियों ने बाद में कहा कि प्रधानमंत्री अपनी कार में नहीं थे और दूसरे वाहन में सवार होकर मंत्रालय से निकल गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कुछ टैंकों और सैनिक टुकड़ियों को एक बड़े चौराहे से गुजरते देखा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि सामाजिक अस्थिरता बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आपातकाल इसलिए घोषित किया है ताकि जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।
अधिकारियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के एक अन्य आयोजक अरिसामुन पोंगरुएंगरोंग को गिरफ्तार किया। पोंगरुएंगरोंग ने बैंकाक से 100 किलोमीटर दूर पट्टाया में आसियान सम्मेलन में बाधा डालने वाली भीड़ का नेतृत्व किया था।
इस गिरफ्तारी से उत्तेजित अरिसामुन के समर्थकों ने शहर की महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों पर हमला करने के साथ ही राजधानी में यातायात रोक दिया।
आसियान सम्मेलन में विरोध प्रदर्शन नहीं रोक पाने के कारण स्थानीय मीडिया ने रविवार को अभिसित और उनकी डेमोक्रेट पार्टी की सरकार की काफी आलोचना की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*