ओजोन की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को जलवायु परिवर्तन से खतरा

By Staff
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वाशिंगटन, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन से ओजोन परत की पुनर्निर्माण प्रक्रिया कमजोर पड़ेगी।

पहले के अध्ययनों से स्पष्ट हुआ था कि जहां ग्रीन हाउस गैसे समुद्र तल से 10 किलोमीटर ऊपर स्थित क्षोभमंडल को गर्म बनाती हैं,वहीं समुद्र तल से करीब 30 से 50 किमी. ऊपर स्थित समतापमंडल को वास्तव में काफी ठंडा कर देती हैं।

इस ठंड से रासायनिक प्रक्रिया कमजोर होती है और ओजोन परत का क्षय होता है और ओजोन निर्माण प्रक्रिया कमजोर होती है। इससे समतापमंडल में क्लोरोफ्लारोकार्बन गैसों (सीएफसी) गैसों को ओजोन परत नष्ट करने में आसानी होती है।

नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रीन हाउस गैसों के एकत्र होने से समतापमंडल में ऊष्ण कटिबंधों से ध्रुवों की ओर हवा का बहाव भी कमजोर हो जाता है।

धरती के मध्य अक्षांशों में ओजोन का अधिक हिस्सा होता है और ध्रुवों की ओर हवाओं के बहाव के धीमा होने से वहां पर ओजोन पुनिनिर्माण प्रक्रिया भी धीमी हो सकती है।

मेरीलैंड विश्वविद्यालय, बल्टीमोर के पर्यावरण विज्ञानी फेंग ली ने कहा कि दुनिया में जलवायु परिवर्तन के अधिकांश अध्ययनों का ध्यान समतापमंडल के ठंडे होने पर होता है लेकिन हमने पाया कि हवा का बहाव भी महत्वपूर्ण है।

अध्ययन के निष्कर्षो को पर्यावरण रासायन और भौतिकी के मार्च संस्करण में प्रकाशित किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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