मध्य प्रदेश में चार राजघरानों के 5 सदस्य चुनाव मैदान में

By Staff
Google Oneindia News

मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटों में से पांच क्षेत्र ऐसे हैं जहां पूर्व राजघरानों के प्रतिनिधि ताल ठोक रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां दो, तथा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने एक-एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जो पूर्व राजघरानों से ताल्लुक रखते हैं। जबकि केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह की बेटी और बेढन राजघराने की बहू वीणा सिंह बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।

भाजपा ने सिंधिया राजघराने की यशोधरा राजे सिंधिया को ग्वालियर से उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से विजया राजे सिंधिया तथा माधवराव सिंधिया प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस संसदीय क्षेत्र की राजनीति सिंधिया घराने के इर्द-गिर्द घूमती है। इसी को ध्यान में रखकर भाजपा ने यहां से यशोधरा राजे पर एक बार फिर दांव लगाया है।

इसी तरह राघोगढ़ राजघराने से नाता रखने वाले लक्ष्मण सिंह को भाजपा ने राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह की पहचान इस इलाके में छोटे राजा की रही है। पूर्व रियासत के प्रभाव को भुनाने के लिए भाजपा ने फिर से लक्ष्मण सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया है।

ग्वालियर चंबल संभाग की राजनीति पर सिंधिया घराने के प्रभाव को कोई नहीं नकार सकता। एक तरफ जहां भाजपा में इस घराने का प्रभाव है वहीं कांग्रेस में भी इस घराने का प्रभाव बरकरार है। पहले माधव राव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया इस क्षेत्र में कांग्रेस का कमान संभाल रहे हैं। माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से लगातार तीसरी बार ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।

प्रदेश के प्रमुख राजघरानों में से एक रीवा राजघराने के प्रतिनिधि पुष्पराज सिंह सपा के उम्मीदवार के रूप में रीवा से चुनाव लड़ रहे हैं। पुष्पराज सिंह का लंबे अरसे तक कांग्रेस से नाता रहा है और वे दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार वे कांग्रेस से टिकट चाहते थे। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने सपा का दामन थाम लिया।

इसी तरह सीधी जिले के बेढन राजघराने की बहू वीणा सिंह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह की बेटी वीणा सिंह सतना संसदीय सीट से कांग्रेस का टिकट चाहती थीं। लेकिन टिकट न मिलने पर वे सीधी से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में कूद पड़ी हैं।

प्रदेश की पांच संसदीय क्षेत्रों में पूर्व राजघरानों से नाता रखने वाले जो प्रतिनिधि मैदान में हैं उनमें से यशोधरा राजे सिंधिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया और लक्ष्मण सिंह वर्तमान सांसद है और एक बार फिर भाग्य आजमा रहे हैं। पूर्व राजघरानों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी से चुनावी समर रोचक तो है ही, साथ में नतीजों की दिशा तय करने वाला भी है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

**

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X