सपा ने कहा, पाक के साथ रिश्ते बेहतर बनाएंगे (लीड-1)
राजधानी लखनऊ में चुनाव घोषणापत्र जारी करते हुए मुलायम ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 17 सीटें देने को राजी थे, जिसमें से वह सपा की मदद से 14 सीटें जीत सकती थी, लेकिन वह इसके लिए राजी नहीं हुई।
अमेरिका के साथ परमाणु समझौते के मुद्दे पर वाम दलों के संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद 22 जुलाई 2008 को विश्वासमत के दौरान सपा ने मनमोहन सिंह सरकार के पक्ष में मतदान किया था।
मुलायम ने कहा कि जब भी सरकार संकट में फंसी उन्होंने, रामविलास पासवान और लालू प्रसाद यादव ने उसे उबारा।"
उन्होंने कहा कि यदि केंद्र में उनकी पार्टी के सहयोग से सरकार बनी, तो वह सुनिश्चित करेगी कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ संबंध बेहतर बने। उन्होंने कहा, "सपा सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने पर ध्यान देगी और पाकिस्तान व बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के प्रति बेहतर नीतियां सुनिश्चित करेगी, ताकि तीनों देश मिलकर विकास कर सकें।"
उन्होंने कहा, "आतंकवाद का मूल कारण क्षेत्रीय विषमताएं हैं। अभी आतंकवाद के खिलाफ विश्व भर में जंग अमेरिका के इशारे पर हो रही है। यदि हम सत्ता में आए तो हम सांप्रदायिक ताकतों और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेकेंगे।"
यादव ने कहा कि वह सत्ता में आए तो वायदा कारोबार, शेयर ट्रेडिंग और मॉल संस्कृति पर रोक लगाएंगे।
मुलायम ने पार्टी महासचिव अमर सिंह और संजय दत्त की मौजूदगी में जारी घोषणा पत्र में कृषि, आर्थिक मंदी, उद्योग, आतंकवाद और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को अहमियत दी है।
मुलायम ने कहा कि उनकी पार्टी कृषि क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देगी। उन्होंने आर्थिक मंदी के लिए केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने शेयर बाजार और मॉल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
मुलायम ने देश की सबसे बड़ी समस्यायों में से एक बेरोजगारी को दूर करने के लिए कुटीर और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सपा के सहयोग वाली सरकार में श्रम को महत्व दिया जाएगा और जो काम आदमी से हो सके उसके लिए कम्प्यूटर और मशीन के प्रयोग पर रोक लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि सपा ऊंची तनख्वाहों और सुविधाओं पर रोक की पक्षधर है। इनमें एक तर्कसंगत संतुलन से ही राष्ट्र में पूंजी का निर्माण हो सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।