तर होने लगा उज्जैनवासियों का सूखा गला
मध्य प्रदेश के अधिकांश जिले पानी के संकट से जूझ रहे हैं और सबसे बुरा हाल उज्जैन का है,जहां पिछले एक माह से जलापूर्ति ठप पड़ी है और प्रशासन व नगर निगम टैंकरों के जरिए पानी का वितरण कराता आ रहा है। ऐसी स्थितियां इसलिए बनी क्योंकि शहर की प्यास बुझाने वाला बांध पूरी तरह सूख चुका है।
प्रशासनिक स्तर पर जारी कोशिशों के बावजूद आम आदमी को जरूरत का पानी आसानी से नहीं मिल पा रहा था। पानी के लिए मारपीट, धरना प्रदर्शन आम हो चला था और पानी की खातिर तो एक टैंकर चालक पर चाकू से हमला तक कर दिया गया था। इन स्थितियों के बीच प्रशासन ने उज्जैनवासियों को अमलावदा बीका में स्थित बांध से पानी देने की योजना बनाई। यह बांध शहर से 24 किलोमीटर दूर है। उज्जैन के जिलाधिकारी अजात शत्रु ने आईएएनएस को बताया है कि जब उन्होंने 24 किलोमीटर दूर से पानी लाने की योजना बनाई तब उन्हें भी कुछ संदेह था कि यह योजना जल्दी पूरी हो जाएगी।
अजात शत्रु बताते हैं कि इस योजना पर 17 फरवरी को अमल शुरू हुआ और एक अप्रैल को इसका परीक्षण भी शुरू हो गया। इस तरह 40 दिन में 24 किलोमीटर पाइप बिछाने के बाद यह योजना न केवल पूरी हो गई है बल्कि बुधवार से शहर वासियों को जलापूर्ति भी शुरू कर दी गई। अब उज्जैनवासियों को हर चौथे दिन पानी मिलने लगेगा। यह पाइप लाइन अमलावदा बीका के ग्रेसिम बांध से अम्बोदिया फिल्टर प्लांट तक बिछी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।