एनआरआई दुल्हों पर भी पड़ी मंदी की मार
नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। एक समय था जब आम भारतीय मां-बाप अपनी बेटियों के लिए बेहतर नौकरी वाला अनिवासी (एनआरआई) दुल्हा तलाशते थे लेकिन निजी क्षेत्र पर मंदी की मार के चलते ऐसे दुल्हों की मांग में 20 फीसदी तक की कमी आई है।
पूर्व में भारत मेट्रोमोनी ग्रुप के नाम से जाने जाने वाले कोंसिम इंफो प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरुगावेल जनाकृष्णन ने आईएएनएस को फोन पर बताया, "एनआरआई दुल्हों की मांग में लगभग 20 फीसदी की कमी आई है। निजी क्षेत्र में अनिश्चितता के चलते लोग अब उस शिद्दत से एनआरआई दुल्हों की तलाश नहीं कर रहे हैं।"
इसी तरह सिंपलीमैरी डॉट कॉम के संदीप अमर कहते हैं, "नौकरी की अनिश्चितता के चलते एनआरआई दुल्हों की खोज में करीब 20 फीसदी तक की कमी आई है।"
एक अन्य वेबसाइट शादी डॉट कॉम के मुताबिक पिछले वर्ष गुजराती समुदाय के लोगों में ब्रिटेन में कार्यरत दुल्हों की मांग में 3.5 फीसदी की कमी आई है। जनवरी 2009 में सिंधी समुदाय में ब्रिटेन में कार्यरत दुल्हों की मांग 7.4 फीसदी की कमी आई है।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में बही छंटनी की बयार में मां-बाप अपनी बेटियों के लिए सरकारी नौकरी वाले दुल्हों को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि उनकी नौकरियों पर किसी तरह का खतरा नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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