उत्तर कोरिया ने किया बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण (लीड-4)
उत्तर कोरिया का कहना है कि राकेट का प्रक्षेपण एक संचार उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के लिए था लेकिन जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका का विश्वास है कि प्रक्षेपण का उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करना था।
उधर अमेरिका और दक्षिण कोरिया की मीडिया रिपोर्टों में रविवार को कहा गया है कि उत्तर कोरिया का रॉकेट प्रक्षेपण उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा है। टीवी नेटवर्क सीएनएन ने उत्तरी अमेरिका के एयरोस्पेस रक्षा कमांड के हवाले से कहा कि उत्तर कोरिया का उपग्रह कक्षा में स्थापित होने में विफल रहा। इससे पहले दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहैप ने राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से खबर दी थी कि उत्तर कोरिया का उपग्रह प्रक्षेपण विफल रहा।
उत्तर कोरिया के सरकारी रेडियो ने हालांकि रविवार को कहा कि 'क्वांगमायोगसांग-2' नामक एक उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय समयानुसार 11.30 बजे दिन में कोरिया के पूर्वी तट पर स्थित प्रक्षेपण केंद्र से राकेट का प्रक्षेपण किया गया।
प्राग में यूरोपीय संघ-अमेरिका शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे ओबामा ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया का यह कदम पूर्वोत्तर एशियाई क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि रॉकेट का प्रक्षेपण कर उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन किया है।
उत्तर कोरिया के तोइपोदोंग 2 मिसाइल के प्रक्षेपण की पुष्टि के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि यह सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन है जिसमें प्योंगप्यांग पर मिसाइल संबंधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले जापान ने भी इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की।
प्रक्षेपण की पुष्टि होने के तुरंत बाद जापान सरकार ने विरोध प्रकट करते हुए इसे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरनाक कार्रवाई बताया। प्रधानमंत्री तारो आसो ने इस कार्य की निंदा करते हुए कहा कि इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। जापान सरकार की 13 अप्रैल को समाप्त होने जा रहे उत्तर कोरिया पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को और एक वर्ष के लिए बढ़ाने की योजना है।
इस मसले पर चर्चा के लिए रविवार दोपहर बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई।
योरोपीय संघ ने भी उत्तर कोरिया के इस कदम की निंदा की है। यूरोपीय संघ की अध्यक्षता कर रहे चेक गणराज्य की सरकार ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया की कार्रवाई क्षेत्र की स्थिरता के लिए अतिरिक्त खतरा और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड मिलिबैंड ने रॉकेट प्रक्षेपण के लिए उत्तर कोरिया की निंदा करते हुए प्योंगप्यांग पर विश्व समुदाय की विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया।
उधर रविवार के प्रक्षेपण के बाद जारी बयान में चीन सरकार ने शांति बरतने की अपील की है। रूस ने भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से प्रतिक्रिया में संयम बरतने का आग्रह किया है।
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता कार्यालय के मुताबिक 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की बैठक अंतर्राष्ट्रीय समय के मुताबिक शाम साते बजे शुरू होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।