लड़की पर कोड़े बरसाना इस्लाम विरोधी
प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान ने इस घटना के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी तरह यह पूरी तरह गैर इस्लामी और यहां तक कि शैतानी कार्य है।
इस्लाम पर करीब 200 से अधिक किताबें लिख चुके खान ने कहा,"इस प्रकार का दंड न तो इस्लामिक है और न ही मानवीय। यह न केवल गैर इस्लामी और अमानवीय वरन शैतानी भी है।"
उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा के माध्यम से सुधार लाया जा सकता है। दंड से किसी भी बदलाव या सुधार को नहीं लाया जा सकता। यह शिक्षित लोगों द्वारा नैतिक मूल्यों को विकसित करके, महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता लाकर और उनको बराबरी का दर्जा देकर किया जाना चाहिए।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति मुशीरुल हसन ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि तालिबान ने असहाय किशोरी के साथ जो किया है, वह इस्लाम की छवि का पूरी तरह से विपरीत चित्रण है।
हसन ने कहा,"मैं भयभीत हूं। यह घटना इस्लामी और कुरान की हिदायतों का पूरी तरह उल्लंघन है जो मानवता, प्रेम, शांति और उदारता की शिक्षा देते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।