अतिरिक्त जांच के लिए अदालती अनुमति जरूरी नहीं : सर्वोच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 4 अप्रैल(आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी आपराधिक मामले की ताजा जांच के लिए ही अदालती अनुमति की जरूरत है, जबकि अतिरिक्त जांच के लिए ऐसी अनुमति की कोई जरूरत नहीं है। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी मामले की अतिरिक्त जांच करना पुलिस का कानूनी अधिकार है।
न्यायमूर्ति एस़ बी. सिन्हा और न्यायमूर्ति पी़ सथसिवम की सदस्यता वाली खंडपीठ ने इस सप्ताह सुनाए गए एक अहम फैसले में कहा, "विभिन्न कानूनी प्रावधानों में यह स्पष्ट कहा गया है कि आगे की जांच यानी अतिरिक्त जांच के लिए किसी मजिस्ट्रेट की अदालत से अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है। आपराधिक मामले की पुन: जांच के लिए ही अदालती अनमुति जरूरी है।"
अदालत ने बिहार के सीवान के रहने वाले रामा चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। चौधरी जनवरी 2001 में घटित अपहरण और हत्या के एक मामले में अदालती सुनवाई का सामना कर रहे हैं।
चौधरी ने इस मामले में बिहार पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दूसरा आरोप पत्र दाखिल किए जाने को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। पहले आरोप पत्र में पुलिस ने चौधरी के खिलाफ 18 गवाहों का जिक्र किया था, जबिक दूसरे आरोप पत्र में आठ और नए गवाहों के नाम जोड़ दिए गए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।