जुल्फिकार अली भुट्टो की 30 वीं पुण्यतिथि मनाई गई
खासकर, भुट्टो परिवार के गृह प्रांत सिंध में इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लोगों और नेताओंे ने भुट्टो को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के संस्थापक भुट्टो को सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक के शासनकाल के दौरान 4 अप्रैल, 1979 को फांसी दे दी गई थी। मुख्य समारोह सिंध के गढ़ी खुदा बख्श इलाके में हुआ। यहीं भुट्टो को दफन किया गया था।
समाचार पत्र 'द न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, "इस मौके पर हजारों लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए बाहर निकले। हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता गढ़ी खुदा बख्श स्थित भुट्टो की मजार पर जमा हुए।"
इस मौके पर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, नेशनल असेंबली अध्यक्ष फहमीदा मिर्जा जैसे नेताओं ने भुट्टो को श्रद्घांजलि दी। जरदारी ने इस मौके पर कहा, "दुनिया की कोई भी ताकत पाकिस्तान को तोड़ नहीं सकती। मैं अपने मुल्क की बेहतरी के लिए हर त्याग करने को तैयार हूं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।