भाजपा घोषणा पत्र : अस्तित्व की कश्मकश के बीच राम राज्य की कल्पना

By Staff
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नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में जनता को मोहने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को जारी घोषणा पत्र में हर जतन किए हैं। 40 पृष्ठों के घोषणा पत्र के मुख पृष्ठ पर सुशासन, विकास और सुरक्षा के वादे हैं। इसके साथ ही दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल, किसानों की ऋण माफी और गांवों को इंटरनेट से जोड़ने जैसे लोकलुभावन वादे भी किए गए हैं।

गठबंधन की राजनीति के युग में राम मंदिर निर्माण और धारा 370 और समान नागरिक संहिता की पुरानी बातों को फिर से दोहराकर पार्टी ने जता दिया है कि उसके लिए हिन्दुत्व से परे हटने का मतलब अपने अस्तित्व से समझौता करने जैसा है।

घोषणा पत्र जारी करने के लिए भाजपा ने रामनवमी का दिन चुना। संदेश साफ था कि भाजपा के लिए राम बहुत महत्वपूर्ण है। वह चाहे राम मंदिर हो या फिर राम सेतु। सत्ता तक पहुंचने के लिए उसे 'राम' का नहीं 'राम' नाम का सहारा चाहिए।

बकौल आडवाणी, "यह घोषणा पत्र महज औपचारिकता नहीं है। यह महात्मा गांधी के राम राज की परिकल्पना को साकार करने का आदर्श दस्तावेज है। इसलिए हमने इसे जारी करने के लिए रामनवमी का दिन चुना।"

घोषणा पत्र के अंतिम पृष्ठ पर गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर की कुछ पंक्तियों का जिक्र है जिसमें कहा गया है, "जहां मन में कोई भय न हो और मस्तक ऊंचा हो, जहां ज्ञान मुक्त हो, जहां विश्व संकीर्ण घरेलू विवादों से छिन्न-भिन्न न हो, जहां शब्द सत्य की गहराइयों से निकलते हों, जहां संपूर्णता की चाह में अथक प्रयास जारी हो, जहां तर्क की स्वच्छ धारा बेजान मरूस्थल में न खो जाए, जहां पर मस्तिष्क व्यापक विचार और कार्य की पवित्र धारा से परिचाालित हो।"

आडवाणी रवीन्द्र नाथ ठाकुर की इन पंक्तियों के सहारे भी राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने का दावा करते दिखाई पड़ते हैं।

पार्टी ने सुशासन, विकास और सुरक्षा इन्हीं तीन मुद्दों को आधार बनाकर अपना घोषणा पत्र तैयार किया है। वह यह दावा भी करती है कि उसका नेता मजबूत है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह नहीं है जिसके बारे में खुद आडवाणी कई बार कह चुके हैं कि मनमोहन अब तक के सबसे कमजोर प्रधानमंत्री साबित हुए हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री के पद का अवमूल्यन किया है।

आडवाणी कहते हैं, "प्रधानमंत्री से मुझे इतनी शिकायत है कि उन्होंने इस पद का अवमूल्यन किया। लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है।"

पार्टी के घोषणा पत्र में 'आम आदमी' को 'फील गुड' कराने का सपना दिखाया गया है। इसमें इंडिया शाइनिंग जैसा कुछ नहीं है लेकिन गांव-गरीब व सामान्य वर्ग के लिए बहुत कुछ है।

गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए दो रुपये प्रतिकिलो की दर से प्रति माह 35 किलोग्राम चावल देने का वादा है तो गांवों को इंटरनेट से जोड़ने की भी बात है। किसानों के लिए ऋण माफी और 4 फीसदी की दर से ब्याज उपलब्ध कराने का वादा है तो सैनिकों के लिए बेहतर वेतन और प्राथमिकता देने का भी जिक्र है।

घोषणा पत्र में महिलाओं व युवाओं के लिए भी वादे हैं। 33 फीसदी आरक्षण का वादा तो है ही, मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर लाडली लक्ष्मी योजना का राष्ट्रीय स्वरूप देने और कन्याओं को साइकिल देने का वादा है। युवाओं को रिझाने के लिए रोजगार सृजन की बात है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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