इस्लामाबाद पर आतंकी हमले की साजिश बेनकाब करने का दावा
यह दावा हालांकि मनगढ़ंत इसलिए लगता है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रिचर्स एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने हमले करवाने के लिए तालिबान नेता बैतुल्लाह महसूद के साथ सांठगांठ किया है।
जाहिर है कि महसूद ने पिछले दिनों लाहौर में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर किए गए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।
समाचार पत्र द न्यूज ने शुक्रवार को एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, "हमारी एजेंसी ने रॉ की उस साजिश का भंडाफोड़ किया है, जिसके तहत उसने पाकिस्तान में स्थित आतंकी तत्वों का इस्तेमाल कर रावलपिंडी और इस्लामाबाद में हमले की योजना बनाई है।"
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा अखबार के साथ साझा की गई एक खुफिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि प्रधान न्यायाधीश चौधरी की जान को खतरा है, क्योंकि रॉ पाकिस्तान में अराजकता पैदा करने के लिए उन पर हमले करवाना चाहता है।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक महसूद द्वारा भेजे गए कम से कम 20 उज्बेकी आतंकी इस्लामाबाद पहुंच चुके हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वे विभिन्न समूहों में बंट गए हैं और प्रत्येक समूह को अलग-अलग हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है, "आतंकी पाकिस्तानी सचिवालय की इमारतों, टीवी स्टेशनों, पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों और विदेशी स्कूलों जैसे महत्वपूर्ण ठिकानों पर कब्जा कर सकते हैं।"
इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सईद कल्ब-ए-अब्बास ने इस खतरे की पुष्टि की है और कहा कि राजनयिक परिसरों, सैन्य स्थलों और अन्य संवेदनशील इमारतों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।