सपा के राष्ट्रीय महासचिव बने संजय दत्त (लीड-2)
बॉलीवुड की करीब 250 फिल्मों में काम करने वाले 49 वर्षीय दत्त ने गुरुवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि सपा नेता मुलायम सिंह जी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मुझे राष्ट्रीय महासचिव बनाया है।"
अवैध हथियार रखने, नशीले पदार्थो के कथित सेवन और अपने पिता की पार्टी कांग्रेस में शामिल नहीं होने को लेकर विवादों में रहने वाले दत्त ने कहा, "मैं दिल से काम करूंगा और सच के लिए काम करूंगा।"
इसके कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनावों में वह सपा के लिए बड़ी भूमिका निभाएंगे।
सपा ने संजय को लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था लेकिन मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव लड़ने की इजाजत देने संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी थी। ऐसी चर्चा है कि सपा उनकी पत्नी मान्यता को लखनऊ से अपना उम्मीदवार बना सकती है।
महासचिव नियुक्त होने के साथ ही औपचारिक तौर पर सपा में दत्त की हैसियत महासचिव अमर सिंह के बराबर की हो गई है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "मेरे पिता संजय निरुपम को कांग्रेस में शामिल किए जाने से नाखुश थे। अब पार्टी ने उन्हीं निरुपम को लोकसभा का टिकट दे दिया है जिन्होंने शिवसेना में रहते हुए सुनील दत्त साहब और कांग्रेस के बारे में कई अपमानजनक बातें कहीं थीं।"
दत्त ने कहा कि उनके पिता का दिल काफी कमजोर था और निरुपम को कांग्रेस में शामिल किए जाने से वह काफी आहत हुए थे और बाद में उनका निधन हो गया।
लेकिन संजय के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुंबई में निरुपम ने कहा कि यदि सुनील दत्त का दिल इतना कमजोर था तो अपने बेटे (संजय दत्त) के कारमानों को देखकर उनका निधन बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
मुंबई दक्षिण से कांग्रेस के उम्मीदवार निरुपम ने कहा कि स्वर्गीय सुनील दत्त अपने बेटे के व्यवहार से काफी दुखी थे।
निरुपम ने कहा, "केवल संजय के लिए ही महान सुनील दत्त को शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे के पास जाना पड़ा था।"
एक सवाल पर दत्त ने कहा कि प्रिया दत्त का चुनाव प्रचार उन्होंने एक भाई की हैसियत से किया था न कि नेता की हैसियत से।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।