संप्रग डूबता जहाज, अपने भी दुखी : भाजपा
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संप्रग से अलग होने के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की बारी है।"
उन्होंने कहा, "राकांपा ने पहले ही घोषणा कर दी है कि मनमोहन सिंह कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी हैं न कि संप्रग के। अब वे उड़ीसा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और बीजू जनता दल (बीजद) के साथ तीसरे मोर्चे की रैली में शामिल होने जा रहे हैं।"
प्रसाद ने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया है कि संप्रग के घटक दल आपस में झगड़ रहे हैं और उन्हें महसूस होने लगा है कि कांग्रेस के साथ रहने से वे खुद संकट में फंस जाएंगे।
विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में कहा था कि मनमोहन सिंह के होते वे प्रधानमंत्री का पद पाने में असमर्थ हैं क्योंकि सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का समर्थन प्राप्त है। इस पर चुटकी लेते हुए प्रसाद ने कहा, "स्पष्ट है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व के गुणों के अभाव के चलते कांग्रेस के नेता भी असहज महसूस करते हैं। मुखर्जी की टिप्पण्ी से यह पुष्टि भी होती है जिसे भाजपा काफी समय से कहती आ रही है कि डा. सिंह के पास पद है लेकिन अधिकार नहीं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।