जोर पकड़ रही है गिलानी बनाम जरदारी की सियासी जंग
इस्लामाबाद, 2 अप्रैल(आईएएनएस)। ऐसे में जब पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के बर्खास्त जजों को बहाल कर दिया गया है, पंजाब में शाहबाज शरीफ की सरकार बहाल हो गई है और एक प्रमुख विपक्षी पार्टी को केंद्र सरकार में शामिल होने का न्यौता दिया गया है, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच सियासी जंग जोर पकड़ने की चर्चा तेज हो गई है।
माना यह जा रहा है कि इस राजनीतिक टकराव में गिलानी से जरदारी पिछड़ते जा रहे हैं। गिलानी ने कई अहम फैसले लेते वक्त जरदारी की आपत्तियों को दरकिनार कर मजबूत प्रधानमंत्री के तौर पर अपने उभार का सबूत दिया है।
'द न्यूज' अखबार लिखता है, "यह साफ हो गया है कि गिलानी जरदारी के आभामंडल से बाहर निकल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जरदारी की असहमति के बावजूद कई सख्त फैसले लेकर राष्ट्रपति के साथ टकराव की अपनी मंशा का सबूत दे दिया है। इस सियासी जंग में गिलानी को कई दूसरे नेताओं का समर्थन मिल रहा है।"
गिलानी ने पीएमएल-एन को सरकार में शामिल होने का न्यौता देकर जरदारी के और कमजोर होने की पृष्ठभूमि तैयार कर दी है। जजों की बहाली और पंजाब में शाहबाज सरकार की बहाली के मुद्दे पर जरदारी समझौते के मूड में नहीं थे, पर हालात ने उन्हें झुकने को बाध्य कर दिया। गिलानी पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच 2007 में हुए समझौते की शर्तो को लागू कराने को लेकर भी संजीदा हैं, जबकि जरदारी को इसकी फिक्र नहीं रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**