जी-20 में सभी की निगाहें मनमोहन सिंह पर
लंदन, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व कर रहे मितभाषी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गुरुवार को आरंभ हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में सभी के आकर्षण के केंद्र में होंगे।
आक्सफोर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालयों के डिग्रीधारी और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्तमंत्री के रूप में कार्य कर चुके मनमोहन सिंह से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सुधार और धनी देशों को संरक्षणवादी नीतियों से बचने की वकालत करने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार मंगलवार रात लंदन पहुंचे प्रधानमंत्री के धनी देशों की सरकारों को अपने बैंकिंग ढांचे की मरम्मत, विकासशील देशों को कोष प्रवाह बहाल करने और एक संपूर्ण वित्तीय राहत पैकेज के लिए राजी करने का प्रयास करने की उम्मीद है।
मनमोहन सिंह के जी-20 में उपस्थित विकासशील देशों के अलावा लंदन शिखर सम्मेलन से बाहर गरीब देशों के मामले को भी मजबूती से रखने की आशा है।
समाचार पत्र 'फाइनेंशियल टाइम्स' में बुधवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में मनमोहन सिंह ने कहा कि एक प्रभावी और ठोस वित्तीय राहत समझौता सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की जिम्मेदारी है। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की समस्याओं को भी विस्तृत रूप से लिया जाना चाहिए। घटने पूंजी प्रवाह से कम आय वाले देशों को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को आगे आना चाहिए।
आईएमएफ के अनुमान के अनुसार विकासशील देशों से करीब 700 अरब डॉलर की निजी पूंजी बाहर गई है। भारत एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक से कर्ज लेना चाहता है।
मनमोहन सिंह चाहते हैं कि धनी देश न केवल वस्तुओं वरन सेवाओं में भी संरक्षणवाद खत्म करें।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।