जी-20 की बैठक पर मंदी और मतभेदों का साया
लंदन, 1 अप्रैल(आईएएनएस)। जी-20 की शिखर बैठक आर्थिक मंदी और नीतिगत मतभेदों के साये में होने जा रही है। इस बैठक को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रथम यादगार मौजूदगी के तौर पर भलेही याद किया जाएगा, पर माना यह जा रहा है कि इस बैठक से मंदी को विराम देने में कोई त्वरित सफलता अर्जित नहीं होगी।
जी-20 की बैठक से पहले ही दुनिया के प्रमुख नेता यह बयान दे चुके हैं कि इस बैठक से किसी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं की जा सकती। उनका मानना है कि दुनिया को मंदी से निजात देने की रणनीति को अमल में लाने के लिए इस तरह की एक और बैठक करने की जरूरत पड़ सकती है।
बैठक से पहले यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जोस मैनुअल बरोसो ने कहा, "जी-20 की बैठक से किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। यह बैठक रातोंरात मंदी को समाप्त नहीं कर देगी। हां, इससे बेहतर शुरुआत की उम्मीद की जा सकती है। " बैठक से पहले विश्व बैंक ने एक चिंताजनक आकलन पेश करते हुए कहा है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के दायरे में 1़7 फीसदी की कमी आएगी।
आर्थिक मसलों पर मतभेद भी गहराते जा रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने यह तल्ख बयान देकर चिंता बढ़ा दी है कि अगर वैश्विक आर्थिक नियमन को लेकर लंदन में सहमति नहीं बनी तो वह बैठक से बाहर निकल जाएंगे। बैठक में भाग लेने के लिए ओबामा अपनी पत्नी मिशेल ओबामा के साथ यहां पहुंच चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।