2010 तक अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए जी20 का प्रोत्साहन पैकेज महत्वपूर्ण
लंदन, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। वर्ष 2010 तक वैश्विक वित्तीय संकट से उबरने के लिए दुनिया की सबसे विकसित एवं उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी-20 की शिखर बैठक में प्रोत्साहन पैकेज पर सहमति बनानी पड़ेगी।
एक विश्वस्त सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "ऐसी धारणा फैल रही है कि वर्तमान संकट से उबरने की दिशा 'एल' आकार को होगी।"
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक एल-आकार की रिकवरी (अत्यंत गहरे संकट से निकलना) आर्थिक संकट से निकलने का सबसे खराब तरीका है क्योंकि इसमें सुधार की प्रक्रिया धीमी और लंबी चलती है। इसके विपरीत वी अथवा यू आकार की रिकवरी में तेजी से सुधार होता है।
सूत्र के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का वर्ष 2010 में अर्थव्यवस्था के संकट से उबरने के बारे में लगाया गया पूर्वानुमान एक खास स्तर के प्रोत्साहन पर निर्भर है। सूत्र के मुताबिक अभी जो कदम उठाए गए हैं वह वर्ष 2009 के पर्याप्त हैं।
सूत्र ने कहा कि यदि जी-20 की बैठक में प्रोत्साहन के स्तर को लेकर कोई सहमति नहीं बनती है तो अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो जाएगी।
दरअसल, अमेरिका और ब्रिटेन संकट से उबरने के लिए प्रोत्साहन पैकज पर जोर दे रहे हैं जबकि फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों की नजर में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली का विनियमन ज्यादा महत्वपूर्ण है।
इस बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा था कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वर्ष 2010 में प्रोत्साहन बना रहे।
शिखर वार्ता में भाग लेने यहां आए सिंह ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति की दर में आई गिरावट से मौद्रिक नीतियों को और लचीला बनाने का रास्ता साफ हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।