आतंकवाद को लेकर संप्रग की नीतियां पूरी तरह विफल : आडवाणी
दो दिवसीय चुनावी दौरे पर उड़ीसा आए आडवाणी ने बुधवार को यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा, "प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस कथन से मुझे बेहद झटका लगा है कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर आतंकवाद के संकट का सामना करना चाहिए।"
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के लाहौर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर सोमवार को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों को संयुक्त रूप से आगे आना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री के बयान से लगता है कि हवाना में सितम्बर 2006 में तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के दिए उस बयान को उन्होंने अपना लिया है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ साझा तंत्र गठित किए जाने की बात कही गई थी।"
आडवाणी ने कहा, "मैंने कई बार यह सवाल उठाया है कि उस देश के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई लड़ने का क्या औचित्य है, जिसने वर्ष 2004 के समझौते के मुताबिक अपने देश से चलाए जा रहे आतंकवादी तंत्रों को नेस्तनाबूद करने के वायदे का सम्मान नहीं किया।"
आतंकवाद के खिलाफ केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "सच्चाई तो यह है कि पाकिस्तान अपने ही भस्मासुरों का शिकार हो गया है।"
आडवाणी ने प्रधानमंत्री द्वारा अक्टूबर 2008 में दिए उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि वे चाहते हैं दोनों देशों की सीमाएं अप्रासंगिक हो जाए। उन्होंने कहा, "कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की गलत नीतियों के चलते देश को काफी कीमत चुकानी पड़ी है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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