संजय दत्त के चुनाव लड़ने पर रोक
ज्ञात हो कि 1993 के मुंबई बम कांड मामले के आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव लड़ने की अनुमति दिये जाने की अपील की थी।
संजय की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति पी सथसिवम और न्यायमूर्ति आरएम लोधा की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई रखी। करीब दो घंटे तक चली बहस के दौरान विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान संजय दत्त के वकील हरीश साल्वे, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वकील अतिरिक्त महाधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मनियम आदि ने अपनी दलीलें दीं।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि चूंकि संजय दत्त पर 'आर्म्स एक्ट' के तहत मामला चल रहा है और वो जमानत पर चल रहे हैं, इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
तो क्या अब मान्यता लड़ेंगी चुनाव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह ने संजय दत्त को पार्टी का टिकट देते समय कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त को चुनाव लड़ने से रोक दिया, तो लखनऊ स मान्यता दत्त सपा की उम्मीदवार होंगी।
संजय पर कोर्ट का फैसला आ गया है, लेकिन क्या मान्यता सपा की लखनऊ से अगली उम्मीदवार होंगी। यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। पार्टी मुख्यालय की ओर से फिलहाल नये उम्मीदवार को लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। नये उम्मीदवार का नाम जानने के लिए लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय पर मीडिया का हुजूम लग गया है।