अमेरिका में छह भारतीयों की मौत के पीछे वित्तीय तनाव कारण नहीं (लीड-3)
वाशिंगटन/चेन्नई, 31 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका में कैलीफोर्निया के सांता क्लारा शहर में हत्या और आत्महत्या के तहत मारे गए छह भारतीयों के मामले की जांच कर रही अमेरिकी पुलिस का मानना है कि इस घटना के पीछे कोई वित्तीय तनाव कारण नहीं था। इस घटना में एक महिला बुरी तरह घायल हो गई है।
हालांकि पुलिस जब तक इस बात की पुष्टि नहीं कर लेती कि यह परिवार अधिसूचित था या नहीं, तब तक वह पीड़ितों के नाम जारी नहीं करना चाहती। पुलिस ने किसी संभावित कारण के बारे में विस्तृत चर्चा करने से भी इंकार कर दिया।
केटीवीयू न्यूज ने सांता क्लारा पुलिस के लेफ्टिनेंट फिल कुकी के हवाले से कहा है, "ऊपरी तौर पर इस मामले में वित्तीय तंगी कोई कारण नहीं दिखाई देता।"
सांता क्लारा पुलिस सान फ्रांसिस्को में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ मिल कर काम कर रही है। भारतीय वाणिज्य दूतावास जांचकर्ताओं को जरूरी मदद मुहैया करा रहा है और सभी पीड़ितों की पहचान की पुष्टि में सहयोग कर रहा है।
कुकी ने कहा कि सबूत विशेषज्ञ सोमवार को भी हेडेन वे अपार्टमेंट में स्थित मकान के अंदर सबूत जुटाने में जुटे रहे।
इधर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में अय्यनकोल्लई गांव के निवासी अप्पू मास्टर (80 वर्ष) ने आईएएनएस को बताया, "अमेरिका में सोमवार की रात भोजन के दौरान मेरे दामाद देवरंजन और बेटे अशोकन के बीच झगड़ा हुआ। देवरंजन ने मेरे बेटे, बहू सुचित्रा, उसकी बच्ची नेहा, मेरी बेटी आभा व उसके दो बच्चों अखिल और अहाना को गोली मार दी।"
उन्होंने बताया कि गोलीबारी में आभा को छोड़ बाकी सभी लोग मारे गए। गोलीबारी के बाद देवरंजन ने खुदकुशी कर ली।
मास्टर ने बताया कि वे सभी 15 साल पहले अमेरिका जा बसे थे और इस घटना से पहले उनके बीच सब कुछ ठीक था।
देवराजन और अशोकन दोनों मलयालम भाषी आईटी पेशेवर थे।
सान जोस मर्करी न्यूज द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार घटनास्थल से एक भारतीय पासपोर्ट बरामद किया गया है।
सांता क्लारा के पुलिस कैप्टन माइक सेलर ने बताया कि गोलीबारी करने वाले व्यक्ति की पहचान देवरंजन (40 वर्ष) के रूप में हुई है।
उधर, अमेरिकी समाचार पत्र 'सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल' ने कहा है कि यह वारदात हाल के वर्षो में सैन फ्रांसिस्को की सबसे निर्मम घटनाओं में से है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*