संजय दत्त नहीं लड़ सकते चुनाव, याचिका खारिज (लीड-1)
प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दत्त को दोषी ठहराए जाने संबंधी फैसले को यह कह कर स्थगित करने से इंकार कर दिया कि उनके मामले की तुलना क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू के मामले से नहीं की जा सकती। गैर इरादतन हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए गए सिद्धू के दोष को सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2007 में स्थगित कर दिया था। इस कारण वह चुनाव लड़ने के योग्य हो गए थे।
प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति पी. सथशिवम और न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा की खंडपीठ ने दत्त की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए और दो वर्षो से अधिक अवधि के लिए जेल की सजा पाए किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने से रोकने संबंधी चुनावी कानून राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने के लिए है।
खंडपीठ ने कहा, "जिस गंभीर अपराध के लिए संजय दत्त को मुंबई के आतंक निरोधी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने दोषी ठहराया है, उस दोष और सजा को हम स्थगित नहीं करना चाहते।"
ज्ञात हो कि दत्त को 1993 में हुए मुंबई बम विस्फोटों में दोषी ठहराते हुए छह साल कैद की सजा सुनाई गई है। उन्होंने मार्च के आरंभ में सिद्धू के मामले का हवाला देते हुए अपनी सजा के फैसले को स्थगित करने का अनुरोध किया था ताकि वे चुनाव लड़ सकें। समाजवादी पार्टी ने उन्हें लखनऊ सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था।
अदालत ने हालांकि माना कि दत्त कोई स्वाभाविक अपराधी नहीं हैं "लेकिन यह मामला इस लायक नहीं है कि इसमें दोष और सजा को स्थगित किया जा सके।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।