वरुण की डिग्रियों पर उठे सवाल
इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करते समय वरुण गांधी अपनी डिग्रियों की छायाप्रतियां लगाते हुए कहा है कि वो लंदन के स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स (एलएसई) से 1999-2002 के स्नातक हैं। उसके बाद स्कूल ऑफ ओरियंटल एण्ड अफ्रीकन स्टडीज (एसओएएस) से 2002-04 में उन्होंने परास्तनातक की डिग्री हांसिल की।
वरुण के वकील द्वारा दायर याचिका में लिखा गया है, वरुण पढ़े-लिखे और शांति पसंद नागरिक हैं। एलएसई से बीएससी और एसओएएस से एमएससी की है। जबकि एलएसई के अधिकारियों का कहना है कि वरुण की डिग्रियां लंदन विश्वविद्यालय की हैं, इसलिए वो अपने-आपको एलएसई से स्नातक नहीं कह सकते हैं।
वहीं एसओएएस और एलएसई से मिल रहीं जानकारियों के मुताबिक वरुण की डिग्रियां वहां की नहीं हैं। एसओएएस की शिक्षक व पूर्व छात्रा जेबा सलमान ने वरुण से जुड़े लोगों से ई-मेल के जरिए कहा कि वरुण अपना कोर्स पूरा नहीं कर सके थे। उन्होंने कोर्स को बीच में भी छोड़ दिया था। इसलिए उनके पास एमएससी की डिग्री नहीं है। एसओएएस के एक अन्य शिक्षक ने भी इस बातकी पुष्टि की है।
अगर एलएसई की बात करें तो वहां के लोगों के मुताबिक वरुण एलएसई के छात्र कभी रहे ही नहीं। एलएसई के एक शिक्षक ने ई-मेल पर जानकारी दी है कि वरुण् वहां के रेग्युलर स्टूडंट कभी नहीं रहे। एलएसई के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि वरुण ने आवेदन किया था, लेकिन उन्हें दाखिला नहीं मिला।
वरुण की डिग्रियों को लेकर उठ रहे सवालों में अगर यह सिद्ध हो गया कि वरुण की डिग्रियां फर्जी हैं, तो वरुण गांधी कोर्ट को गुमराह करने में फंस सकते हैं, जिसमें उन्हें कम से कम सात साल की सजा हो सकती है।