सिख विरोधी दंगों के मामले में टाइटलर के खिलाफ रिपोर्ट दाखिल (लीड-1)
सीबीआई ने महानगर दंडाधिकारी रामलाल मीणा की अदालत में सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दाखिल की। अदालत इस रिपोर्ट पर 2 अप्रैल को विचार करेगी।
अदालत के समक्ष सीबीआई ने कहा कि उसने अपनी जांच पूरी कर ली है और वह अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर रही है।
सीबीआई ने दाखिल की गई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि रिपोर्ट में टाइटलर को क्लीन चिट दी गई है।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि उसने कैलीफोर्निया में रहने वाले गवाह जसबीर सिंह का बयान दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि पहले सीबीआई जसबीर सिंह का बयान दर्ज करने के लिए अमेरिका जाने से कतरा रही थी।
नानावती आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामे में सिंह ने कहा था कि 3 नवंबर 1984 को सिख विरोधी दंगों के दौरान उसने टाइटलर को सुना था जिसमें वे समर्थकों को अपने संसदीय क्षेत्र में सिखों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी थी।
इस हिंसा के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप कांग्रेस के तीन नेताओं पर लगा। जिसमें टाइटलर, सज्जन कुमार और स्व. एच. के. एल. भगत का नाम शामिल है।
टाइटलर को क्लीन चिट दिए जाने की अटकलों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीबीआई के प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, "हमने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की है। न तो अदालत और न ही मैं जानता हूं कि उस लिफाफे में क्या है।"
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "सीबीआई जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट देकर कांग्रेस के राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रही है। हमने अभी तक सीबीआई का इस कदर गलत इस्तेमाल होते हुए नहीं देखा था।"
जावड़ेकर ने कहा, "अगर मायावती उसके साथ हो जाती है तो मायावती को क्लीन चिट मिल जाती है। अगर मुलायम सिंह उसके साथ हो जाते हैं तो उन्हें क्लीन चिट मिल जाती है। और अब जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट मिल गई। सीबीआई अब कांग्रेस जांच ब्यूरो हो गई है। हम सीबीआई की क्लीन चिट को खारिज करते हैं। अब इसका फैसला जनता करेगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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