बिहार में दलबदलू राजनेताओं की पौ-बारह
जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) के विधायक रामबदन राय को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मुंगेर से अपना प्रत्याशी बनाया है। राजद ने (जद-यू) के ही एक और विधायक लल्लन पासवान को सासाराम से केंद्रीय मंत्री मीरा कुमार के खिलाफ मैदान उतारा है। पूर्व मंत्री नागमणि भी (जद-यू) छोड़कर राजद में शामिल हो गए हैं। राजद ने उन्हें झारखंड की चतरा सीट से लोकसभा के लिए टिकट दिया है।
टिकट न मिलने से नाराज वरिष्ठ (जद-यू) नेता रामजीवन सिंह ने दलगत राजनीति से अलग होने की घोषणा कर दी है।
(जद-यू) के प्रवक्ता विजय कुमार चौधरी का मानना है कि पार्टी छोड़ कर गए नेताओं का आगामी चुनाव में कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जद (जद-यू)के लिए विकास मुद्दा है न कि नेता।
लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ (जद-यू) नेताओं ने ही पार्टी छोड़ी है। सांसद साधु यादव ने राजद से पल्ला झाड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस ने उन्हें पश्चिम चंपारण से उम्मीदवार बनाया है। इसी तरह कांग्रेस ने राजद से ही नाता तोड़ने वाले गिरधारी यादव को बांका तथा रमई राम को गोपालगंज से टिकट दिया है।
राजद की ही रमा देवी तथा संजय जायसवाल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने क्रमश: शिवहर तथा पश्चिम चंपारण से अपना प्रत्याशी बनाया है।
(जद-यू) ने भी राजद से आए महाबली सिंह को काराकाट से, मंगनी लाल मंडल को झंझारपुर से तथा जयनारायण प्रसाद निषाद को मुजफ्फरपुर से टिकट देकर अपना चुनावी समीकरण दुरुस्त करने की कोशिश की है।
(जद-यू) ने लोजपा के पूर्व विधायक महेश्वर हजारी को समस्तीपुर से तथा रंजन यादव को पाटलिपुत्र से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ मैदान में उतारा है।
कांग्रेस ने भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से आए शीलकुमार राय को उजियारपुर से, हिन्द केसरी यादव को वैशाली से तथा अरुण कुमार को जहानाबाद से टिकट दिया है।
दलबदलुओं को टिकट दिए जाने के सवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमाकांत सिंह कहते हैं कि कांग्रेस लोगों को जांच परख कर ही टिकट दे रही है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटों के लिए चार चरणों में मतदान होना है। राजद ने 28 सीटों पर तथा लोजपा ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस 37 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी। उधर, (जद-यू) व भाजपा के बीच क्रमश: 25 व 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की सहमति बनी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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