एचआईवी का मतलब मौत नहीं होता

By Staff
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बच्चे, युवा और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काम करने वाली संस्था 'ममता' नीला देवी और उनकी जैसी सैकड़ों महिलाओं और युवाओं को एचआईवी पॉजिटिव के बाद की जिंदगी के लिए नई राह दिखा रही है। संस्था समाज में एचआईवी से जुड़ी फिजूल मान्यताओं को तोड़ने का काम कर रही है।

पिछले पांच वर्षो के दौरान 'ममता' देश के सात राज्यों के 94 जिलों में 134 गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है। स्वीडन की संस्था 'एसोसिएशन फॉर सेक्सुअलिटी एज्युकेशन' के साथ हाथ मिलाकर ममता 'यंग पीपुल्स हेल्थ एंड डेवलपमेंट : ए रिप्रोडक्टिव एंड सेक्सुएल हेल्थ सेंटर्ड एक्शन अप्रोच' नामक एक परियोजना चला रही है।

नई दिल्ली में शुक्रवार को 'ममता' ने एचआईवी पॉजिटिव लोगों से मीडिया की मुलाकात कराई। मीडिया के साथ बातचीत में इन लोगों ने कहा कि शुरुआत में समाज उन्हें एक अलग नजर से देखा करता था लेकिन अब उन्होंने समाज को यह बताने का जिम्मा उठा लिया है कि एचआईवी पॉजिटिव लोग भी सामान्य मनुष्य की तरह होते हैं।

राजस्थान से आए भागवत सिंह ने कहा कि वह इन मुद्दों के अलावा बाल विवाह जैसे मसलों पर भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ के 25 गांवों में उन्होंने बाल विवाह से होने वाले नुकसानों से ग्रामीणों को परिचित कराने के लिए साइकिल रैली निकाली थी।

संस्था के कार्यकारी निदेशक डा.सुनील मेहरा ने आईएएनएस से कहा कि देश में यौन शिक्षा जरूरी है, इससे युवाओं में निर्णय लेने की क्षमता आएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न राजनीतिक दलों को एक साथ आना होगा।

मेहरा ने कहा कि इस कार्य में मीडिया को भी योगदान करना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया को यौन शिक्षा के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन से सेक्स और सेक्सुअलिटी से जुड़ी भ्रामक बातों और विचारों को दूर करना होगा।

मेहरा ने कहा कि संस्था अपनी परियोजना के तहत समाज में यौन शिक्षा से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास कर रही है। परियोजना के पहले चरण में हरियाणा के रेवाड़ी जिले के 32 गांवों, उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के 31 गांवों और कर्नाटक के बेंगलुरू के कोरमंगला क्षेत्र की चार झ्झुग्गी बस्तियों में युवाओं की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के क्षेत्र में काम किया गया।

संस्था ने रेवाड़ी के दो शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्थित विद्यालयों में 5,000 बच्चों को शिक्षा भी उपलब्ध कराई। दिल्ली में 'ममता' तिगड़ी इलाके में यूथ फ्रेंडली हेल्थ सेंटर चला रही है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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