मैंने हमेशा चाहा कि राहुल मंत्री बने, लेकिन उन्होंने इनकार ही किया (लीड-1)
राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से चर्चा में प्रधानमंत्री ने कहा, "मैंने हमेशा चाहा कि राहुल मंत्री बनें लेकिन उन्होंने हमेशा इनकार ही किया।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "सत्ता में युवाओं को भागीदारी बेहद आवश्यक है।"
प्रधानमंत्री का यह बयान उस समय आया है जब यह चर्चा जोरों पर है कि केंद्र में फिर से यदि कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनीं तो राहुल की उसमें क्या भूमिका रहेगी।
इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कि कांग्रेस गठबंधन सरकार नहीं चला सकती, प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार को पिछले पांच साल सफलता से चलाया है। कांग्रेस ने अपनी काबिलियत साबित कर दी है कि वह समय के अनुरूप खुद को बदल भी सकती है।
अपनी सरकार के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं संप्रग को 10 में से 7 नम्बर दूंगा।"
उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और भारत निर्माण योजना को संप्रग सरकार की सबसे महत्वपूर्ण विकास योजना बताया और कहा कि उनकी सरकार ने जो कहा था उसका 80 से 85 फीसदी काम पूरा किया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के चलते आज भारत की तस्वीर बदल रही है।
संप्रग के घटक दलों पट्टाली मक्कल काच्ची (पीएमके), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ छोड़ जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्रीय राजनीति के कारण हुआ। इससे कांग्रेस की गठबंधन सरकार चलाने की क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*