औद्योगिक सुरक्षा में डिप्लोमाधारक को 40 लाख रुपये का पैकेज
भोपाल, 26 मार्च (आईएएनएस)। मंदी के इस दौर में नौकरी के अवसर कम नहीं हैं, बस जरूरत इस बात की है कि बाजार की मांग के अनुरूप शिक्षा हासिल की गई हो। इसका प्रमाण है औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण का डिप्लोमा हासिल करने वाले छात्र। इन छात्रों को पढ़ाई पूरी करने से पहले ही चार से लेकर 40 लाख रुपये तक का सालाना पैकेज जो मिला है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा शुरू किए गए इंडस्ट्रीयल सेफ्टी, हैल्थ एंड एन्वायरमेंट में पी़ जी़ डिप्लोमा करने वाले 40 छात्रों को औद्योगिक जगत ने हाथों हाथ ले लिया है। राजेश सिंह एक ऐसे छात्र हैं जिन्हें मलेशिया की कैल्टेक्स एंड पैट्रोमेक्स ने 40 लाख रुपये सालाना के वेतन पर सुरक्षा अधिकारी के तौर पर तैनात करने का फैसला किया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक डॉ़ क़े एस़ तिवारी बताते हैं कि देश में सुरक्षा अधिकारियों की जितनी मांग है उतने विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं। यह देश का पहला ऐसा संस्थान है जिसने औद्योगिक प्रबंधन के क्षेत्र में सुरक्षा, स्वास्थ्य व पर्यावरण पर डिप्लोमा शुरू किया है। सुरक्षा विशेषज्ञों के अभाव में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के कर्मचारियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व पर्यावरण का डिप्लोमा कराने वाले इन्स्टीट्यूट ऑफ इन्डस्ट्रीयल फॉर सेफ्टी, हेल्थ एंड एन्वायरमेंट के निदेशक डॉ़ एस़ ए़ पिल्लई ने आईएएनएस को बताया कि ज़े पी़ ग्रुप में 11 छात्रों ने सालाना साढे तीन से साढ़े चार लाख रुपये के पैकेज पर नौकरी पाई है। इन सभी को आवास आदि की सुविधा वेतन के अतिरिक्त रहेगी।
इसके अलावा ज़े क़े ग्रुप, ए़ सी़ ई़ कैल्डीरीस, पुंज लॉयड कंपनी सहित अन्य संस्थानों में डिप्लोमाधारी छात्रों को काम मिला है।
पिल्लई के मुताबिक भारत सरकार के प्रतिष्ठान टीएचडीसी सहित अन्य कई प्रतिष्ठानों में डिप्लोमा धारी छात्रों की मांग है परंतु उनके पास जरूरत के मुताबिक विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि यहां से एक साल में सिर्फ 40 छात्रों का दल ही डिप्लोमा हासिल कर निकलेगा। संस्थान के पहले बैच की पढ़ाई लगभग पूरी हो चुकी है। इस बैच के सभी छात्रों के पास पहले से ही नौकरियां आ गई हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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