भाजपा में झगड़े की असली जड़ है मनी पावर : शेखावत
पत्रिका 'आउटलुक' को दिए एक खास साक्षात्कार में शेखावत ने यह भी कहा कि इससे तो भगवान भी इंकार नहीं कर सकता कि भाजपा में भ्रष्टाचार बढ़ा है। शेखावत का यह साक्षात्कार आउटलुक के ताजे अंक में प्रकाशित हुआ है।
शेखावत ने कहा, "पार्टियों में भ्रष्टाचार की मूल जड़ है मनी पावर। वगैर पैसों के कोई चुनाव नहीं लड़ा जाता। चुनाव के लिए जितना अधिक धन इकट्ठा होगा, वह उतने ही बड़े भ्रष्टाचार का कारण बनेगा।"
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और महासचिव अरुण जेटली के बीच विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर शेखावत ने कहा, "जेटली की नाराजगी की वजह तो सिर्फ यही है न कि राजनाथ सिंह ने सुधांशु मित्तल को पूर्वोत्तर राज्यों का सह प्रभारी बनाया। अब चूंकि वह उम्मीदवार तय करेंगे और चुनाव के लिए फंड का इंतजाम करेंगे, तो फिर वही धन-शक्ति ही तो इस झगड़े की जड़ हुई न, जिसके बारे में मैं लगातार आगाह कर रहा हूं।"
भाजपा में भ्रष्टाचार बढ़ने संबंधी सवाल पर शेखावत ने कहा, "इससे तो भगवान भी इंकार नहीं कर सकता। हालांकि मैं पिछले साल से पार्टी में नहीं हूं लेकिन जो बुराई सबको नजर आती हो, उससे भला कैसे इंकार किया जा सकता है। पैसा ही वह चीज है जिसने अकेले भाजपा में नहीं बल्कि अन्य पार्टियों में भी अनुशासनहीनता को हावी किया है।"
उन्होंने कहा कि उम्मीदवार तय करते समय भाजपा समेत तकरीबन सभी पार्टियों में मेरिट का ध्यान नहीं रखा जाता। एकमात्र प्राथमिकता होती है कि वह कितना अधिक पैसा खर्च करके चुनाव जीत सकता है। भाजपा में उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में पहले जो मानक हुआ करते थे, वे अब नहीं रहे। जब चयन का आधार ही गलत होगा, तो नैतिक चरित्र वाले और ईमानदार लोग कहां से चुनकर आएंगे?
इस सवाल पर कि क्या आडवाणी को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए प्रचार करेंगे। शेखावत ने कहा, "अभी इस बारे में मुझसे न तो किसी ने कोई अनुरोध किया है और न ही मैंने कुछ सोचा है। वैसे भी मेरा अभियान चुनावी राजनीति में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ है और मैं इसके लिए लोगों के बीच जागृति फैलाता रहूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।