वरुण की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका खारिज (लीड-1)
न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति एस.सी.निगम की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, "प्रथम दृष्टया वरुण गांधी के खिलाफ मजबूत मामला बनता है।"
न्यायमूर्ति मुर्तजा ने कहा, "जब अग्रिम जमानत दिल्ली उच्च न्यायालय से मिल चुकी है तो फिर इसी तरह की राहत दूसरी अदालत से क्यों मांगी जा रही है। "
वरुण गांधी के वकील गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका इसलिए दाखिल की कि उत्तर प्रदेश की पुलिस कह सकती है कि पीलीभीत का मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
यह पूछने पर कि तो फिर इस मामले में दिल्ली में अग्रिम जमानत की याचिका क्यों दाखिल की गई तो चतुर्वेदी ने कहा, "क्योंकि इस मामले में दिल्ली स्थित चुनाव आयोग ने स्थानीय अधिकारियों को मामला दर्ज करने का आदेश दिया था इसलिए उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी।"
चतुर्वेदी ने बताया कि वरुण गांधी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए वे सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
वरुण गांधी ने गत 19 मार्च को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पीलीभीत में कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषण पर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अग्रिम जमानत की मांग की थी। याचिका में वरुण ने राजनीतिक साजिश के तहत उनको फंसाए जाने का आरोप लगाया था।
उल्लेखनीय है कि वरुण गांधी पर पीलीभीत में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पुलिस ने उनके खिलाफ तीन आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।
चुनाव आयोग ने इस संबंध में वरुण गांधी एवं भाजपा को नोटिस भी जारी किया था।
इससे पहले वरुण को दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत 20 मार्च को अग्रिम जमानत दे दी थी जो केवल एक सप्ताह के लिए वैध थी। अग्रिम जमानत की वैधता समाप्त होने में अब केवल दो दिन बाकी हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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