ताई ची के साथ अपना संतुलन सुधार सकते हैं ह्रदयघात से बचे लोग
ताई ची एक ऐसी कला का नाम है, जो सिर और धड़ (शरीर के बीच के हिस्से) के बीच बेहतर तालमेल बनाने में मददगार साबित होती है। इसके जरिए शरीर के विभिन्न अंगों के बीच जबरदस्त संतुलन कायम किया जा सकता है।
ह्रदयघात के कारण इंसान सबसे पहले अपना संतुलन खोता है और गिर जाता है। इससे उसे काफी नुकसान उठाना पड़ता है। सही वक्त पर इलाज नहीं हो पाने के कारण उसकी मौत भी हो जाती है।
अमेरिका के शिकागो के इलियंस विश्वविद्यालय के फिजिकल थेरेपी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर क्रिस्टिना हुई चान ने पता लगाया है कि ताई ची के माध्यम से इंसान अपना संतुलन बेहतर कर सकता है, जिसके कारण ह्रदयघात के दौरान उसके गिरने की संभावना बहुत कम रह जाती है।
चान के मुताबिक उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ हांगकांग में 136 लोगों पर जो शोध किया है, उससे यह बात निकलकर सामने आई है कि ताई ची के लगातार अभ्यास के कारण लोगों की संतुलन साधने की क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई है।
शारीरिक संतुलन बनाने के साथ-साथ ताई ची के अंतर्गत श्वसन, शरीर के विभिन्न अंगों को खींचने, बैठने, चलने, याद करने की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ तार्किक गुणवत्ता पर आधारित अभ्यासों पर बल दिया जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।