निर्वाचन आयोग का सुझाव दरकिनार, वरुण बने रहेंगे भाजपा उम्मीदवार (राउंडअप)

By Staff
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पीलीभीत में वरुण के तथाकथित भड़काऊ भाषण से जुड़ी सीडी पर विचार करने के बाद आयोग ने पार्टी से कहा था कि उसे वरुण को अपना उम्मीदवार नहीं बनाना चाहिए।

उधर रायबरेली में प्रियंका गांधी ने कहा कि उनके चचेरे भाई वरुण गांधी का कथित भड़काऊ बयान गांधी परिवार की मर्यादाओं और सिद्धांतों के खिलाफ है। वरुण ने एक खास समुदाय के खिलाफ जिस तरह की टिप्पणी की है वह उन मान्यताओं और सिद्धांतों के खिलाफ है जिन पर गांधी परिवार टिका रहा है। प्रियंका ने वरुण को श्रीमद्भगवतगीता को सही तरीके से पढ़ने और समझने की सलाह भी दी।

नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "जहां तक वरुण की उम्मीदवारी का सवाल है तो मैं स्पष्ट कर दूं कि वह हमारे प्रत्याशी बने रहेंगे। हम उनका प्रचार भी करेंगे।"

इससे पहले पार्टी प्रवक्ता बलबीर पुंज ने संवाददाताओं से कहा, "वरुण गांधी हमारे उम्मीदवार थे और आगे भी रहेंगे।" उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग को इस बात का अधिकार नहीं है कि वह राजनीतिक दलों को सुझाव दे कि किसको उम्मीदवार बनाया जाए।"

भाजपा महासचिव अरुण जेटली ने कहा कि किस को टिकट देना चाहिए और किसको नही, यह सुझाव देना निर्वाचन आयोग के प्रभाव क्षेत्र में नहीं आता। उधर, भाजपा नेताओं ने प्रियंका गांधी के उस बयान पर टिप्पणी से इंकार जिसमें उन्होंने कहा कि वरुण ने गांधी परिवार की परंपराओं और सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है और उन्हें भगवद्गीता पढ़नी चाहिए।

भाजपा के उम्मीदवार वरुण गांधी ने सोमवार को कहा कि उनके कथित बयानों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने में निर्वाचन आयोग ने जो तत्परता दिखाई है, उस पर उन्हें घोर निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होकर या वकील के माध्यम से अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका तक नहीं दिया गया।

भड़काऊ भाषण देने का दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद आयोग को भेजे अपने जवाब में वरुण ने कहा, "हैरानी की बात यह है कि इतनी कड़ी कार्रवाई करने के पहले सच्चाई की तह तक जाने की कोशिश नहीं की गई।"

निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि वरुण के दो भाषणों में एक समुदाय विशेष के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें कही गई हैं और उसमें बेहद भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया है।

आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि भाजपा या किसी भी अन्य राजनीतिक पार्टी द्वारा उन्हें इस चुनाव मेंउम्मीदवार बनाए जाने को हिंसा भड़काने और भारतीय नागरिकों के बीच शत्रुता और घृणा फैलाने और देश के सामाजिक, लोकतांत्रिक तथा बहुलतावादी स्वरूप को नष्ट करने की अक्षम्य कार्रवाई के रूप में देखा जाएगा।

गांधी ने अपने जवाब में कहा, "चुनाव आयोग का यह आदेश पिछली रात को 11 बजे मुझे प्राप्त हुआ। इसके पहले इसे मीडिया के कुछ वर्गो को दिया जा चुका था। ऐसे में आयोग द्वारा दिखाई गई इस जल्दबाजी पर निराशा जाहिर करने के अलावा मैं और कुछ भी नहीं कर सकता। आयोग ने मेरे बारे में अपनी राय बनाने के पहले मुझे अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया।"

उधर पटना में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष और केन्द्रीय इस्पात एवं रसायन मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि एक विशेष धर्म के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता वरुण गांधी को जेल भेजा जाना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि वरुण गांधी के मामले में चुनाव आयोग का फैसला पूर्णत: सही है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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