अलग ही है सत्ता का ग्लैमर: शत्रुघ्न सिन्हा
उन्होंने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, "जो लोग मंदिर-मस्जिद के झगड़े में पड़ते हैं उन्हें पड़ने दीजिए। मैं मानव मंदिर को लेकर इच्छुक हूं।"
उन्होंने इससे इंकार किया कि समाजवादी पार्टी के साथ उनकी नजदीकी भाजपा पर टिकट देने के लिए दबाव बनाने की रणनीति थी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह के साथ उनकी मुलाकात निजी थी।
सिन्हा ने कहा, "सच्चाई यह है कि मैंने टिकट के लिए कभी दबाव नहीं बनाया। मैं नहीं चाहता कि लोग मेरे निजी रिश्तों को राजनीति की नजर से देंखे।"
बॉलीवुड के अन्य महारथियों जैसे प्रकाश झा और संजय दत्त के राजनीति में कूदने के बारे में पूछे जाने पर अपनी टिप्पणी में उन्होंने कहा कि ग्लैमर की ताकत सीमित है जबकि ताकत (सत्ता) के ग्लैमर की कोई सीमा नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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